दस्तक दे रहा है वायरल फीवर, ऐसे बचें!
बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। खांसी, ज़ुकाम और वायरल फीवर ऐसे मौसम में बेहद आम है। शरीर का इम्यून सिस्टम हमें बीमारियों से बचाता है लेकिन बदलते मौसम में शरीर की इम्युनिटी कमज़ोर होते ही शरीर वायरस से लड़ नहीं पाता और उससे संक्रमित हो जाता है। आमतौर पर लोग वायरल फीवर को आम बुखार समझ कर घर में रखी कोई भी दवा खा लेते हैं जिससे और नुकसान होने की संभावना रहती है। ज़रा सी नज़रअंदाज़ी वायरल फीवर के लक्षण को पनपने का मौका देती है जिससे यह बुखार हफ्ते भर तक परेशान कर सकता है।
वायरल फीवर से लड़ने क लिए पहले उसके लक्षणों को पहचानना ज़रूरी है। ये हैं :-
- तेज़ बुखार
- बदन दर्द और मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द और त्वचा पर दाने होना
- गले में दर्द होना
- खांसी आना
- सर्दी-गर्मी लगना
- आंखों में जलन
- थकान महसूस होना
कैसे करें उपचार
तेज़ बुखार आने पर पेरासिटामोल जैसी दवा ही लें। ध्यान रखें कि कोई भी एंटी बायोटिक दवा का असर बुखार पर नहीं होता। बुखार के कारण शरीर में कमज़ोरी आती है और एंटी बायोटिक दवा उस कमज़ोरी और थकान को बढ़ावा देती है।
बुखार के दौरान गला काफी सूखता है, इसलिए ज्य़ादा से ज्य़ादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। गले में खराश या दर्द हो तो गर्म पानी में नमक डाल कर उससे गरारा करें। सुबह-शाम ऐसा करने पर राहत महसूस होगी। जितना हो सके, आराम करें। इसके अलावा दिन भर हलका गुनगुना पानी पीते रहें।
तीन दिन से अधिक बुखार रहे तो अपने नजदीकी चिकित्सक से जांच कराएं।
खानपान में परहेज और सावधानी बरतें
विटमिन सी का सेवन अधिक करें। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।
हल्का खाना ही खाएं
पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी और अरबी न खाएं
हल्दी, अजवाइन, अदरक और हींग का अधिक सेवन करें
ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पिएं
रेस्ट करें और बासी खाना न खाएं
इनके अलावा वायरल फीवर में गर्म पानी की भाप लेने से भी आराम मिलता है। चूँकि यह बुखार छूने और किसी पर थूक गिरने से फैल सकता है तो छींकते और खांसते वक्त मुंह पर रूमाल रखें। बुखार यदि 3 दिन से अधिक चले तो घर पर इलाज न करें, तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।