मोदी ने ट्रम्प की नही सुनी तो रूस से ईरान तक क़यामत आएगी क्या?
पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जापान में शुक्रवार को मुलाकात हुई | इस मुलाकात पर दुनियाभर की निगाहें लगी हुई थीं | पहले भारत, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के पीएम शिंजो आबे शामिल रहे | इस दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी और जापानी पीएम आबे को चुनाव में जीत की बधाई दी | इसके बाद भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई | इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की | इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘हम लोग काफी अच्छे दोस्त बन गए हैं | इससे पहले अमेरिका और भारत में कभी इतनी नजदीकी नहीं हुई मैं ये बात पूरे भरोसे से कह सकता हूं कि हम लोग कई क्षेत्रों में खासकर सैन्य क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे | आज हम लोग कारोबार के मुद्दे पर भी बात कर रहे हैं |’
ट्रंप ने कहा, ‘पीएम मोदी आपने लोगों को साथ लाने का बड़ा काम किया है | मुझे याद है कि जब आप पहली बार चुनाव जीतकर सत्ता में आए थे, तब कई धड़े थे और वे आपस में लड़ते थे | अब वे एकजुट हो गए हैं | यह आपकी क्षमता का सबसे बड़ा सम्मान है |’
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की यह मुलाकात उस समय हुई है, जब दोनों देशों के बीच अपने-अपने हितों को लेकर टकराव चल रहा है | जापान में पीएम मोदी से मुलाकात से पहले ट्रंप ने ट्वीट करके भी साफ किया था कि वो भारत के अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगाने के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन भारत के इरादे भी बुलंद हैं | भारत ने उसी दौरान यहां आए अमेरिकी विदेश सचिव से साफ कह दिया था कि भारत अपने हित में फैसले लेगा न कि अमेरिका के कहने से | अब देखना है कि जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के चक्रव्यूह को कैसे तोड़ते हैं?
हाल ही में अमेरिका ने भारत को मिले जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) दर्जे को खत्म करने की धमकी दी, तो भारत ने भी अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाने की तैयारी कर ली | अब अमेरिका को भारत के ज्यादा टैरिफ लगाने के फैसले से ऐतराज है | जीएसपी का दर्जा मिलने से भारत को अमेरिका में अपने सामानों पर मामूली टैक्स देना पड़ता है | इसके हटने से भारतीय सामानों पर ज्यादा टैक्स लगेगा | पीएम मोदी से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले पर बात करने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं कि भारत ने वर्षों से अमेरिका के खिलाफ बहुत ज्यादा टैरिफ लगाया है | अब हाल ही टैरिफ में और इजाफा किया है | यह स्वीकार नहीं है और भारत को टैरिफ को वापस लेना ही पड़ेगा |’ यहां पर विवाद मेड इन इंडिया और मेड इन अमेरिका के बीच है |
इसके अलावा अमेरिका यह भी चाहता है कि भारत अपने सबसे भरोसेमंद दोस्त रूस से रक्षा उपकरण न खरीदे, बल्कि अमेरिका से खरीदे | ऐसा न करने पर अमेरिका भारत पर Countering American Adversaries Through Sanctions Act (CAATSA) के तहत प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दे चुका है | हालांकि भारत अमेरिका के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है | भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का करार किया है | रूस हमेशा से भी भारत का भरोसेमंद दोस्त और रक्षा उपकरणों का सप्लायर रहा है | इतना ही नहीं, अमेरिका का यह भी कहना है कि ईरान से भारत तेल न खरीदे, लेकिन भारत के लिए ऐसा करना मुश्किल काम है | इसकी वजह यह है कि भारत सबसे ज्यादा तेल ईरान से ही खरीदता है | भारत चाहता है कि अमेरिका उसको ईरान से तेल खरीदने की छूट दे | इससे पहले एक बार ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर झुक चुका है और भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट दे चुका है, लेकिन एक बार फिर से उसका मिजाज बदल रहा है |