देश के लिये जीने का संकल्प लेना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धाजंलि: मोदी
गोरखपुर , स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा प्रदान करने वाले चौरा चौरा कांड के शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिये जीने का संकल्प लेकर ही रणबांकुरों के बलिदान को नमन किया जा सकता है।
मोदी ने गुरूवार को चौरा-चौरा कांड के शताब्दी वर्ष समारोह का वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये शुभारंभ करते हुये कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान ऐसी बहुत कम घटनाये होंगी जब एक साथ 19 लोगों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दी हो। इन शहीदों को इतिहास के पन्नो में उचित स्थान नहीं दिया गया लेकिन इन वीर रणबांकुरों ने आजादी लड़ाई को नई दिशा प्रदान कर दी थी।
प्रधानमंत्री ने चौरा चौरा महोत्सव के अवसर पर पांच रूपये के एक डाक टिकट को भी जारी किया। इस अवसर पर चौरा चौरा चौरीचौरा थीम सांग की प्रस्तुति की गई जबकि सूचना विभाग ने चौरीचौरा कांड पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
महामना मदन मोहन मालवीय और बाबा राघवदास को याद करते हुये श्री मोदी ने कहा कि चौरा-चौरा की घटना से बौखलायी गोरी हुकूमत ने हालांकि 172 लोगों को फांसी देने की योजना बनायी थी लेकिन महामना और बाबा राघव दास के प्रयास से करीब 150 लोगों की फांसी की सजा टाल दी गयी। चौरीचौरा की पवित्र भूमि पर वीर शहीदों को याद करने के लिये शताब्दी वर्ष महोत्सव का यह आयोजन और महत्वपूर्ण बन गया है जब देश आजादी के 77वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
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उन्होने कहा कि कोरोना काल में भारत में बनी वैक्सीन की दुनिया के कई देशों में मांग है। दुनिया के दिग्गज देशों के मुकाबले भारत ने टीकाकरण की रफ्तार कहीं ज्यादा है। कोरोना काल में भारत ने 150 से अधिक देशों के नागरिकों को दवाई भेजी। विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके वतन पहुंचाने में मदद की। दुनिया में भारत को इस भूमिका में देख स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस हो रहा होगा।
मोदी ने कहा कि हाल ही में संसद में पेश बजट के बारे में अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि कोरोना काल की कठिन चुनौती से निपटने के लिये सरकार कर का बोझ आम नागरिकों पर डालेगी मगर देश वासियों पर कोई बोझ नहीं डाला गया बल्कि चुनौतियों के समाधान के लिये यह बजट तेजी प्रदान करेगा। स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की व्यवस्था बजट में की गयी है। निर्माण क्षेत्र की मजबूती,रोजगार के साधन और किसानो को समृद्ध बनाने में बजट महती भूमिका निभायेगा।
उन्होने कहा कि दशकों से बजट का मतलब सिर्फ घोषणा रह गया था जिसे पूरा नहीं किया जाता था। बजट को हिसाब किताब का बही खाता बना दिया गया था लेकिन अब सोच और अप्रोच बदल दिया गया है। विश्वास की जो यात्रा हमने ने शुरू की है वह नए भारत के निर्माण के साथ पूरी करेंगे।