उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों को त्रिवेंद्र सरकार की अद्भुत सौगात, आरक्षण का कोटा बढ़ा

उत्तराखंड की धरती सिर्फ तीर्थनगरी ही नही बल्कि देश की आन बान और शान की सुरक्षा में भी बड़ी भूमिका निभाती है | उत्तराखंड ने देश को कई ऐसे सपूत दिए है जिन्होने देश की सीमा के रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी | उत्तराखंड के इसी योगदान को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 5% के आरक्षण को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करने की बात कही है। यह संशोधन पूर्व सैनिको के लिए लाया गया है जिसमे राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड ने कोटे को 5% से बढ़ाकर 15% बढ़ाने की बात कही है। 2018 में भी सरकार ने ये प्रस्ताव रखा था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियो की सीएम आवास पर बैठक बुलाई और ब्लॉक प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए भी प्रस्ताव रखा गया | मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों को होम स्टे, सौर ऊर्जा, ग्रोथ सेंटर और बायोमास नीति में रोज़गार के लिए प्रेरित किया |

  • रोडवेज बसों में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिक, उनकी विधवाओं, युद्ध के दौरान घायल और दिव्यांग सैनिकों को नि:शुल्क यात्रा।
  • सेना के स्नातक एवं मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्रों को केन्द्र की तर्ज पर मान्यता।
  • सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती के पदों पर आयु सीमा में केंद्र के समान पांच साल छूट।
  • चयन प्रक्रिया के पदों में सेना की कुल सेवा में तीन साल जोड़कर आयु सीमा में छूट

 

 

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