त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार काे जारी किया नोटिस
अगरतला, त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने 10,323 बर्खास्त शिक्षकों को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देने के मामले की सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया हे कि राज्य रकार ने उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित किया है। शहर में धरना प्रदर्शन के 52 दिनों बाद 27 जनवरी को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से हटा दिया था और लोगों की तरफ से प्रदर्शनकारियों को दान में मिले खाद्य पदार्थों और नकदी काे जब्त कर लिया था।
ये भी पढ़ें-भाजपा विधायकों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दाे बार स्थगित
न्यायमूर्ति सुभाशीष तालपात्रा ने राज्य सरकार को एक मार्च को मामले की अगली सुनवाई से पहले इस मुद्दे पर जवाब देने का आदेश दिया है। बर्खास्त किये गये शिक्षकों के शीर्ष मंच द ज्वाॅइंट मूवमेंट कमेटी ने प्रदर्शन को फिर से शुरू करने के लिए राज्य प्रशासन से अनुमति मांगी थी लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं के वकील पी रॉयवर्मन ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकार है और कोई भी सरकार यह अधिकार नहीं छीन सकती। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अपनी सेवा देने के बाद नौकरी खोने वाले शिक्षकों का भविष्य दांव पर है और स्वाभाविक है कि वे जीवित रहने के लिए रोजगार के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे।