“आदिवासी-डलित समूहों ने 21 अगस्त को केरल में हड़ताल का आह्वान किया, SC आरक्षण फैसले को लेकर विरोध”

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित इस फैसले के तहत अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को आरक्षण के लाभ में बदलाव किए गए हैं, जिनका आदिवासी और दलित समुदायों ने विरोध किया है।

आदिवासी और दलित समूहों ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण से संबंधित हालिया फैसले के खिलाफ 21 अगस्त को केरल में हड़ताल का आह्वान किया है।

आदिवासी और दलित समुदायों से जुड़े विभिन्न संगठनों ने केरल में 21 अगस्त को हड़ताल (हर्टल) का आह्वान किया है। यह कदम भारतीय सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले के खिलाफ उठाया गया है, जिसमें आरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे पर निर्णय दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित इस फैसले के तहत अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को आरक्षण के लाभ में बदलाव किए गए हैं, जिनका आदिवासी और दलित समुदायों ने विरोध किया है। उनका तर्क है कि यह फैसला उनके अधिकारों और सामाजिक न्याय को कमजोर करता है।

आदिवासी और दलित समूहों का कहना है कि यह निर्णय उनके समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इन समूहों ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करने की कोशिश है, जो उनके विकास और समावेशिता के लिए महत्वपूर्ण है।

हड़ताल के आह्वान के साथ ही विभिन्न संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस फैसले की समीक्षा करें और आदिवासी और दलित समुदायों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर व्यापक जन जागरूकता फैलाने का भी निर्णय लिया है और मांग की है कि उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाए।

हड़ताल के दौरान, विभिन्न शहरों और कस्बों में प्रदर्शन और धरने आयोजित किए जाएंगे। इन समूहों ने कहा है कि वे शांतिपूर्ण और संगठित तरीके से अपनी आवाज उठाएंगे, ताकि उनके मुद्दों को सही तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।

समुदायों के नेताओं ने कहा कि अगर सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे भविष्य में और भी बड़े और प्रभावी कदम उठा सकते हैं।

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