ऊपर से ट्रेन गुज़र गयी, फिर भी जीवित मिला व्यक्ति! जानिए कैसे?
कहते है कि जब उपर वाले ने सांसो की डोर दे रखी है तब तक कुछ भी हो जाए इंसान जिंदा ही रहता हैं फिर चाहे उसके उपर से ट्रेन ही क्यो न गुजर जाए। कुछ ऐसा ही वाक्या मध्यप्रदेश के शिवुपरी में हुआ, शिवपुरी की प्रियदर्शनी कॉलोनी में रहने वाले एक अधेड के उपर से बिना पैसंजर ट्रेन का इंजन और 3 डिब्बे गुजर गए लेकिन फिर भी वह जिंदा निकला।
जानकारी के अनुसार ग्वालियर-बिना पैसेंजर ट्रेन क्रमांक 51884 गुरुवार को सुबह 11.10 बजे शिवपुरी स्टेशन से गुना की ओर रवाना हुई। फाटक के पास जैसे ही ट्रेन पहुंची तो प्रवीण दुबे (52) पुत्र जुगलकिशोर निवासी प्रियदर्शनी कॉलोनी शिवपुरी दौड़ता हुआ ट्रेन के सामने आ गया और पटरी पर लेट गया।
यह देखकर चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। इस दौरान इंजन और तीन-चार डिब्बे प्रवीण के ऊपर से निकल चुके थे। गाड़ी रुकने पर देखा तो वह डिब्बे के नीचे अचेत पड़ा था। ट्रेन के चालक ने जीआरपी थाने पर सुबह 11.15 बजे सूचना दे दी।
कुछ ही देर में आरपीएफ के उपनिरीक्षक ललित कुमार सूर्यवंशी, अजीत सिंह, सतपाल और राजूमल पहुंच गए। ट्रेन के नीचे से निकालने के बाद प्रवीण को इलाज के लिए पोहरी रोड स्थित प्राइवेटअस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद जिला अस्पताल लाया गया। यहां उसे सिर में गंभीर चोट के चलते ग्वालियर रैफर कर दिया गया।
ट्रेन की रफ्तार कम, ट्रैक के बीच में गिरने से बची जान
स्टेशन से निकलने की वजह से ट्रेन की रफ्तार कम थी। साथ ही प्रवीण जैसे ही इंजन के सामने आया, वह गिर गया। इमरजेंसी ब्रेक लगा देने से ट्रेन भी जल्द रुक गई। यदि प्रवीण ट्रैक पर नहीं गिरता तो उसकी जान भी जा सकती थी।
वहीं यह भी अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि व्यक्ति जानबूझकर ट्रेन के सामने आया है या फिर दौड़कर ट्रैक पार करने की कोशिश की थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि व्यक्ति कहीं छिपा बैठा था, जैसे ही ट्रेन आई तो दौड़कर ट्रैक पर आ गया। प्रवीण के परिजन घटना को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पुलिस जांच में घटना की वजह सामने आ सकेगी।