पर्यटन सचिव, डीएम नैनीताल व टूरिज्म बोर्ड याचिकाकर्ता के साथ करें बैठकः हाईकोर्ट
नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड, राज्य सरकार की ओर से रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद पर्यटन सचिव, जिला अधिकारी नैनीताल और टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड को रोपवे के निर्माण मामले में याचिकाकर्ता के साथ आपस में चर्चा कर हल निकालकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमठ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पर्यावरणविद् प्रो.अजय रावत ने याचिका में कहा था कि रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा किसी पार्क का लैंड यूज (भूमि उपयोग) को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। रोपवे के लिए प्रयोग में लाए जाने वाला हनुमानगढ़ और मनोरा पीक क्षेत्र खासा संवेदनशील है। पूर्व में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी माना कि यहां 98 फीसदी रेत और 2 फीसदी शार्टेड रॉक्स है। जीएसआई ने भी निर्माण के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि हनुमानगढ़ क्षेत्र जलागम क्षेत्र है। इसके एक ओर संवेदनशील बलियानाला तो दूसरी ओर निहाल नाला है। जहां बीते वर्षों में लगातार भू-स्खलन हो रहा है। इसलिए यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। याचिका में कहा कि नैनीताल के बड़े क्षेत्र के स्वामी साह लोगों की नैनीताल में मुख्य तीन रियासतें थी। इसमें से दुर्गापुर, कृष्णापुर और अमृतपुर शामिल हैं। दुर्गापुर और कृष्णापुर आज भी अस्तित्व में है, लेकिन अमृतपुर को शायद लोग जानते भी नहीं। भू-स्खलन आदि कारणों से यह रियासत खत्म हो गई।