राजभर की पार्टी मे मच गई भगदड़ ,top 10 news

इस्तीफा देने वालों में सुभासपा के कुशीनगर जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और जिला सचिव का नाम भी शामिल हैं. इस्तीफा प्रदेश कार्यालय को भेजने से पहले

सुभासपा में मची भगदड़, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सहित दर्जनों का इस्तीफा

 

समाजवादी पार्टी  से गठबंधन टूटने के बाद सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनकी पार्टी में लगातार इस्तीफा का दौर बढ़ता जा रहा है. एक बार फिर सोमवार को दर्जनों पदाधिकारियों ने एक साथ राजभर पर टिकट के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया. सुभासपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर राधेश्याम सिंह सहित कुशीनगर के जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी सहित एक दर्जन पार्टी नेताओं ने राजभर को बाय-बाय कर दिया.

इस्तीफा देने वालों में सुभासपा के कुशीनगर जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और जिला सचिव का नाम भी शामिल हैं. इस्तीफा प्रदेश कार्यालय को भेजने से पहले पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री और सुभासपा प्रमुख पर बेहद गंभीर आरोप लगाए. शुरुआती दिनों से सुभासपा से जुड़े और कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके मास्टर राधेश्याम सिंह ने कहा कि ओम प्रकाश राजभर ने पार्टी नहीं रुपये वसूलने की मंडी खोल रखा है. उन्होंने अपने खुद के खाते 20 लाख रुपये ट्रांसफर करने का दावा भी किया है.

 

 

बिजनौर में 150 छात्रों को परीक्षाओं की मुफ्त तैयारी करा रहा पुलिस कांस्टेबल

बिजनौर में एक पुलिस कांस्टेबल ज़रूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. पुलिस कांस्टेबल विकास कुमार ने बताया कि यहां 150 छात्र पढ़ते हैं. जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लोग उन्हें पढ़ाने में मदद करते हैं. हमारे इस क्षेत्र में 35 से अधिक स्कूल हैं.

 

मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने जताई आपत्ति, कहा- सेशन कोर्ट को फैसला देने का अधिकार नहीं

 

वाराणसी की जिला अदालत द्वारा ज्ञानवापी मामले में मुकदमा चलाए जाने के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने आपत्ति जताई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि यह कोडिफाइड लॉ का वायलेशन है. सेशन कोर्ट को इस मामले में फैसला देने का अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा- सेशन कोर्ट कोडिफाइड लॉ के सामने ऐसा निर्णय नहीं देना चाहिए. मैं समझता हूं कि उन्होंने अपने अधिकारों से बाहर जाकर मामले का फैसला दिया है. क्यों कहा कैसे कहा यह देखा जाएगा? AIMPLB पूजा स्थल अधिनियम 1991 को मानते हैं.

मोहम्मद सुलेमान ने कहा- “कोडिफाइड एक्ट को इंटरप्रेट करने का सेशन कोर्ट को अधिकार नहीं है. ऐसे में इस तरह से फैसला देना जुडिशरी की सेवा नहीं है. बड़ा ही आश्चर्यजनक कि कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले को चलाने लायक पाया है.”

 

 

अहमदाबाद में ऑटो चालक के घर डिनर करने पहुंचे अरविंद केजरीवाल तो पुलिस ने लगा दी बंदिश

 

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अहमदाबाद में एक ऑटो चालक के घर डिनर करने पहुंचे तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की। उनकी सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा कि उन्हें वहां नहीं जाना चाहिए। हालांकि बाद में उन्हें जाने दिया गया। गुजरात में कुछ महीनों बाद होने जा रहे विधान सभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार सभाएं, रैलियां और रोडशो कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को वे ऑटो चालकों से मिले और उनकी समस्याओं पर चर्चा की।

 

सीपीसी में जिनपिंग को मिलेंगे और अधिकार

 

नई परिस्थितियों और मिशन के अनुरूप सीपीसी द्वारा अपनी 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में पार्टी के संविधान में संशोधन करने से पार्टी को इस मौलिक दस्तावेज की गरिमा का बेहतर अध्ययन, पालन, क्रियान्वयन और रक्षा करने में मदद मिलेगी।’ सीपीसी के संविधान में बदलाव ने उन अटकलों को हवा दी है कि पार्टी के महासचिव और राष्ट्रपति के अलावा सेना के प्रमुख शी को पार्टी के अध्यक्ष की उपाधि प्रदान करने वाले संभावित उन्नयन सहित अधिक शक्ति प्रदान की जाएंगी। सदी पुरानी पार्टी में अब तक यह पद केवल माओ के पास ही था।

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