किसानों की लड़ाई मे इस्तीफा देकर कूदेगा ये बड़ा नेता , top 10 news
यूपी के बरेली पहुंचे डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ सेवाओं में सुधार के लिए कई बड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि
बृहस्पतिवार देर रात महारानी एलिजाबेथ ll का हुआ निधन
70 साल तक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने शासन करने के बाद बृहस्पतिवार को स्कॉटलैंड में अंतिम सांस लीं। महारानी के निधन के बाद शाही परिवार में उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई। निधन के बाद किस तरह से पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाना है, इसके लिए ब्रिटेन की सरकार ने योजना बनाकर रखी है। महारानी का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद होगा। इससे पहले, उनके ताबूत को लंदन से बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर के पैलेस तक निधन के पांच दिन बाद औपचारिक मार्ग से ले जाया जाएगा, जहां रानी तीन दिनों के लिए राज्य में लेटी रहेंगी। इस दौरान लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे, यह स्थल प्रतिदिन 23 घंटे तक खुला रहेगा। अंतिम संस्कार का दिन राष्ट्रीय शोक का दिन होगा, जिसमें वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाली सेवा और पूरे ब्रिटेन में दोपहर में दो मिनट का मौन रखा जाएगा। अंतिम संस्कार के बाद रानी को विंडसर कैसल के किंग जॉर्ज षष्ठम मेमोरियल चैपल में दफनाया जाएगा।
अब सीएमओ समेत बड़े चिकित्सा अधिकारी भी ओपीडी में देखेंगे मरीज
यूपी के बरेली पहुंचे डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ सेवाओं में सुधार के लिए कई बड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जितने भी बड़े चिकित्सा अधिकारी हैं अब वो भी रोजाना ओपीडी में बैठकर सुबह 8 से 11 बजे तक मरीजों का इलाज करेंगे और इसके बाद सरकारी कार्य को निपटाएंगे. इतना ही नहीं उपकेंद्रों और सीएचसी की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
बड़े चिकित्सा अधिकारी भी करेंगे इलाज
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है. जिले में जितने भी बड़े चिकित्सा अधिकारी है वो सभी ओपीडी में मरीजों को देखेंगे. एडी हेल्थ, सीएमओ, सीएमएस, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ समेत जितने भी चिकित्सा अधिकारी है वो रोजाना सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी में मरीजों का इलाज करेंगे. इससे डॉक्टरों की कमी पूरी होगी और मरीजों को परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन 2-3 हॉस्पिटल का निरीक्षण करेंगे.
किसानों की लड़ाई में इस्तीफा देकर कूद पड़ूंगा
मेघालय के गवर्नर (Meghalaya Governor) सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) एमएसपी (MSP) पर बड़ा बयान दिया है. निजी कार्यक्रम में बुलंदशहर (Bulandshahr) पहुंचे सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर एमएसपी की मांग नहीं मानी गई तो किसान और सरकार के बीच लड़ाई होगी और मैं किसानों की लड़ाई में पद से इस्तीफा देकर कूद पडूंगा. वे यहां गांव मुढ़ी बकापुर में ग्राम दिवस समोराह के मौके पर शामिल होने पहुंचे थे.
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कही ये बात
गांव मुढ़ी बकापुर में ग्राम दिवस समोराह के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शिरकत की. उन्होंने एमएसपी के मुद्दे पर किसानों की लड़ाई में साथ देने का वादा किया.
देश के पूर्व चीफ जस्टिस केएन सिंह का निधन
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कमल नारायण सिंह उर्फ केएन सिंह का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. जस्टिस केएन सिंह ने प्रयागराज में मिंटो रोड स्थित आवास पर आज आखिरी सांस ली. कल 9 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे प्रयागराज स्थित आवास से अंतिम यात्रा निकलेगी. दोपहर करीब डेढ़ बजे रसूलाबाद के शंकर घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार होगा. जस्टिस केएन सिंह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. जस्टिस कमल नारायण सिंह देश में सबसे कम कार्यकाल वाले चीफ जस्टिस रहे. सिर्फ 17 दिनों तक मुख्य न्यायाधीश के पद की कुर्सी संभाली. 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल रहा था.
जस्टिस केएन सिंह के बारे में जानिए
जस्टिस केएन सिंह मूल रूप से प्रयागराज के ही रहने वाले थे. जन्म 13 दिसंबर 1926 को प्रयागराज में हुआ था. प्रारंभिक से लेकर स्नातक की शिक्षा उन्होंने प्रयागराज से ही ली थी. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और वकालत की डिग्री ली. 4 सितंबर 1957 से इलाहाबाद की दीवानी अदालत में वकालत शुरू की. बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे थे. सरकारी वकील के तौर पर उन्होंने कई सालों तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार के मुकदमों की पैरवी भी की. 3 मार्च 1970 से 3 मई 1970 तक यूपी के एडवोकेट जनरल रहे.1970 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त हुए. 25 अगस्त 1972 को स्थाई न्यायाधीश के तौर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्ति हुई. 10 मार्च 1986 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने.
ओम प्रकाश राजभर ने नीतीश कुमार पर दिया ये बयान
सुभासपा प्रमुख ने कहा, “यूपी में अखिलेश यादव ने चुनाव में अगुवाई की थी. 2022 का चुनाव वो लड़े ही हैं, सबने ये देख भी लिया है. जहां तक सवाल नीतीश कुमार का है तो ये लोग पहले तय तो कर लें. किसी नेता की मुसीबत में जाकर मिलना एक अलग बात है. लेकिन एक फ्रंट बनाकर उसका चेहरा घोषित कर देना एक अलग बात है. अभी तक केवल हवा में ही सब बात हो रही है.”