यूपी प्रशासन में फिर हुई उलट-पलट Top 10 news of newsnasha
उत्तर प्रदेश सरकार ने सात आईएएस अधिकारियों का मंगलवार को तबादला कर दिया है. इनमें दो महिला अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें अपनी पोस्टिंग का इंतजार था
यूपी में 7 आईएएस अधिकारियों का तबादला
उत्तर प्रदेश सरकार ने सात आईएएस अधिकारियों का मंगलवार को तबादला कर दिया है. इनमें दो महिला अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें अपनी पोस्टिंग का इंतजार था. जिन अधिकारियों का तबादला (IAS Transferre) किया गया है उनमें प्रांजल यादव, डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, गुर्राला श्रीनिवासुलु, आनंद कुमार सिंह, प्रशांत शर्मा और दो महिला अधिकारी अमृता सोनी और कृतिका शर्मा शामिल हैं.
दो अधिकारियों को पोस्टिंग का था इंतजार
अमृता सोनी और कृतिका शर्मा को अपनी पोस्टिंग का इंतजार था. अमृता सोनी को जहां मुख्य सचिव का प्रमुख स्टाफ ऑफिसर बनाया गया है, वहीं कृतिका शर्मा को कानपुर नगर के उद्योग विभाग का अपर आयुक्त बनाया गया है. प्रांजल यादव को एमएसएमई और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग का सचिव बनाया गया. वह इससे पहले राष्ट्रीय एकीककरण तथा चिकित्सा विभाग में सचिव थे. डॉ. अरविन्द कुमार चौरसिया को सिंचाई एवं जल संसाधन के विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. वह इससे पहले कृषि उत्पादन आय़ुक्त शाखा में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे.
आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को भेजा नोटिस
लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई 26 सितंबर को होगी. जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ के सामने आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि एक क्षेत्र में कुछ गोलीबारी आदि हुई थी, कुछ लोग मारे गए और इनको मुख्य आरोपी बनाया गया. जबकि हमारे पक्ष को सुना भी नहीं गया. जस्टिस बनर्जी ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं.
हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की थी खारिज
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि लखीमपुर मामले में 4 किसानों की मौत हो गई थी. ये तथ्य की बात है कि मौके पर आशीष मिश्रा की गाड़ी बरामद हुई थी. ये मामला जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है. जस्टिस कृष्ण पहल की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि आशीष राजनीतिक रूप से इतना प्रभावशाली है कि वह गवाहों और मामले की सुनवाई को प्रभावित कर सकता है.
जमानत याचिका खारिज होने के बाद आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
गोरखनाथ ओवरब्रिज पर देर रात हुआ बड़ा सड़क हादसा, दो की मौत, एक घायल
गोरखपुर (Gorakhpur) में मंगलवार बुधवार दरम्यानी देर रात एक बड़ा सड़क हादसा (Road Accident) हुआ है. ये सड़क हादसा गोरखनाथ ओवरब्रिज (Gorakhnath Over bridge) हुआ है. जहां ओवरब्रिज पर जा रही अनियंत्रित कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई. इस सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया है.
मिली जानकारी के अनुसार गोरखनाथ ओवरब्रिज पर अनियंत्रित हुई कार पहले डिवाइडर से टकराई, उसके बाद राहगीरों के ऊपर पलट गई. जिसके बाद इस दुर्घटना में दो की मौत हो गई. वहीं इस दुर्घटना में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है. घायल व्यक्ति को उपचार के लिए तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
प्रयागराज में मिला महिला का जला हुआ शव
प्रयागराज के SSP शैलेश पांडे ने कहा है कि हमें जले शव की सूचना मिली थी. जिसके बाद हम मौके पर पहुंचे. मृतका की पहचान हो चुकी है. उनका घर घटना स्थल से 20-30 मीटर की दूरी पर है. CCTV में वह घर से एकेले निकली थीं और हाथ में बोतल जैसा कुछ लगा था. प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है.
सुभासपा में बगावत पर पहली बार आई ओम प्रकाश राजभर के बेटे की प्रतिक्रिया
अपने बयानों को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले सुभासपा (SBSP) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) को सोमवार को बड़ा झटका लगा. तब सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित 30 लोगों सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अब पार्टी में बगावत की खबरें आने के बाद ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर (Arun Rajbhar) का बयान सामने आया है.
अरुण राजभर ने कहा, “सुभासपा एक प्रयोगशाला है. ओम प्रकाश राजभर ने उन्हें राजनीति सीखाई और उन्हें राजनीति में लेकर आए. हमें नहीं मालुम की इन्होंने अचानक इस तरह का फैसला क्यों लिया. वे हमारे साथी थे और लंबे समय तक हमारे आंदोलन को आगे बढ़ाने का काम किया. लेकिन कुछ वजह रही होगी, कार्यकर्ता किसी एक वजह पर नाराज रहे होंगे.”