इसे एक दिन के लिए निकाला सदन से बाहर
राजस्थान विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के तहत बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर वेल में आये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक वासुदेव देवनानी को आज पूरे दिन के लिए सदन से बाहर निकाल दिया गया वहीं इसे लेकर भाजपा के अन्य सदस्यों ने पूरे दिन के लिए सदन का बहिर्गमन किया।
शून्यकाल में श्री देवनानी स्थगन प्रस्ताव के तहत राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर धरना दे रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों पर हमले का मामला उठाना चाहा लेकिन अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने इसकी अनुमति नहीं दी। देवनानी उन्हें बोलने की अनुमति देने का आग्रह करते हुए बोलने लगे। इस पर अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं देने पर वह सदन के वेल में आकर बैठ गये।
जोशी ने कहा कि वह अपनी सीट पर जाये, सदन की गरिमा बनाये रखे और अगर इसकी अवेहलना करेंगे तो अनुमति नहीं दी जायेगी। श्री देवनानी के अपनी सीट पर नहीं जाने पर अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे सदन की अवहेलना बताया और उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल से श्री देवनानी को एक दिन के लिए सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव लाने को कहा।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि श्री देवनानी का मुद्दा गंभीर था, जिसे स्थगन प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि छोटी सी घटना के लिए विधायक को सदन से निकालना सही नहीं होगा। अगर ऐसा हुआ तो हम सब सदन से जाएंगे। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने विधायक के आचरण पर कोई खेद नहीं जताया है बल्कि यह कहा गया कि आप ऐसा करोगे तो हम ऐसा करेंगे।
इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि श्री देवनानी का आचरण संसदीय परंपराओं के अनुकूल नहीं है। नेता प्रतिपक्ष अध्यक्ष पर दबाव बनाना चाहते हैं। विधायक ने जिस तरह का प्रदर्शन किया और जो हरकत की है उसके लिए उन्हें एक दिन के लिए सदन से निकाला जाए और तभी प्रवेश दिया जाए जब वे अपने आचरण के लिए माफी मांगे। श्री धारीवाल श्री देवनानी को एक दिन के लिए सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा। सदन ने प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन में देवनानी के खिलाफ प्रस्ताव पारित होते ही भाजपा के अन्य सभी विधायक पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर गये।