दिल्ली को छोड़कर NCR समेत कल पूरे देश में चक्का जाम करेंगे किसान
नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) का विरोध कर रहे किसानों ने कल दिल्ली के अलावा एनसीआर समेत पूरे देश में चक्का जाम (Chakka Jam) करने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 12 से दोपहर 3 बजे तक किसान चक्का जाम करेंगे। इसके साथ ही पूरे देश में भी चक्का जाम होगा। अलग-अलग स्थानों में गाड़ियों में सवार लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही लोगों को बताया जाएगा कि कृषि कानूनों पर सरकार किसानों के साथ क्या रुख अपना रही है।
शनिवार को किसान नेता नेशनल हाईवे पर चक्का जाम करने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं इस पर दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चक्का जाम को लेकर हमसे किसी भी किसान नेता ने संपर्क नहीं किया है, लेकिन दिल्ली, यूपी और हरियाणा पुलिस इसको लेकर काफी गंभीर है। दरअसल शनिवार होने के कारण हाईवे पर अच्छी खासी वाहनों की भीड़ होती है। 26 जनवरी की हिंसा से काफी लोग आंदोलन को लेकर गुस्सा भी हैं। ऐसे में पुलिस पर अलर्ट पर है।
चक्का जाम से पहले शाह की एसएन श्रीवास्तव से मुलाकात
वहीं किसानों ने शनिवार को चक्का जाम की घोषणा की है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्का जाम के पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव के साथ गुरुवार को बैठक की। इस बारे में सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार श्रीवास्तव ने शनिवार को किसान यूनियनों द्वारा आहूत चक्का जाम के मद्देनजर उठाए गए एहतियाती कदम और शहर में सुरक्षा की स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया।
बताया जा रहा है कि कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल भी बैठक में मौजूद थे। दिल्ली पुलिस ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर नवंबर के मध्य से ही डटे हुए हैं।
पीएम मोदी किसान मुद्दे पर अपने वक्तव्य में दे सकते हैं जवाब
वहीं बजट सत्र में भी किसान आंदोलन इस बार छाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को वक्तव्य देंगे। उम्मीद की जा रही है कि कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष की ओर से जितने हमले किए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री गिन-गिन कर सबका जवाब देंगे। अभी फिलहाल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 15 घंटे का वक्त मुकर्रर किया गया है। बीते दो दिनों से राज्यसभा में इस पर चर्चा चल रही है।
गृहमंत्री अमित शाह भी रख सकते हैं सरकार का पक्ष
राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही कृषि विधेयकों पर भी विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। इस बीच आंदोलनरत किसानों के खिलाफ की गई एफआईआर, गिरफ्तारियां और उनके धरना स्थल के इर्दगिर्द कंटीले तारों की बाड़बंदी, सीमेंटेड दीवारें बनाने और कीलें बिछाए जाने के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह भी सरकार का पक्ष रख सकते हैं।