आज होगा मोदी कैबिनेट का विस्तार, दलित और पिछड़े नेताओं का रहेगा बोलबाला!
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लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद आज यानी बुधवार की शाम को पहली बार कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) होगा. जबकि आज ही नए मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं. वहीं, यूपी के लिहाज से देखें तो ऐसे माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में जिसे भी मंत्री बनाया जायेगा, उसका जातीय समीकरण (Caste Equation) में फिट बैठना जरूरी होगा. जाहिर है कि बीजेपी उन चेहरों को तवज्जो देगी जिनके सहारे विधानसभा के चुनाव में जीत आसान हो जाए.
सभी जानते हैं कि पिछले चुनाव में बीजेपी को जो असीम सफलता हाथ लगी थी उसकी कुंजी थे पिछड़ा और दलित (Backward and Dalit) वोट. बीजेपी के साथ रहने वाला उसका पारम्परिक सवर्ण वोट किसी भी सीट पर उसे अपने दम पर जीत नहीं दिला सकता है. इसीलिए भाजपा ने जबरदस्त सोशल इंजीनियरिंग की थी. 2017 के चुनाव से पहले पिछड़ों और दलित समुदाय के तमाम नेताओं को या तो बड़े ओहदे दिये गये या फिर किसी दूसरे पार्टी से तोड़कर उन्हें भाजपा में शामिल कराया गया. इसका फायदा भी पार्टी को मिला और उसे अब तक की सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी.
यूपी से ऐसे बनेंगे मंत्री
मौजूदा मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से बना कोई भी मंत्री दलित समुदाय से नहीं है. ऐसे में दलित समुदाय के सांसदों की लॉटरी लगनी तय है. पिछड़ा समुदाय से दो मंत्री संतोष गंगवार और साध्वी निरंजन ज्योति हैं. अनुप्रिया पटेल को एडजस्ट करने की चर्चा है ही. ये संख्या तीन हो जाती है. ऐसे में पिछड़े समुदाय से बहुत हुआ तो एक और मंत्री बनाया जा सकता है.
ब्राह्मणों और जाटों को साधने के लिए होगा ये प्लान
चर्चा ये भी है कि किसी ब्राह्मण नेता को भी कैबिनेट जगह मिल सकती है. पिछले दिनों ब्राह्मण समुदाय के नाराज होने की काफी हवा चलायी गयी थी. फिलहाल ब्राह्मण वर्ग से महेन्द्रनाथ पांडेय मोदी सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में इस समुदाय को एक और मंत्री पद देकर कथित विरोधी हवा का रूख मोड़ने की कोशिश हो सकती है. वहीं, चर्चा ये भी है कि पश्चिमी यूपी से किसी जाट नेता को मंत्री बनाया जा सकता है. किसान आंदोलन से पनपे असंतोष के बादलों को फाड़ने के लिए भाजपा पश्चिमी यूपी से किसी सांसद को मंत्री बनाकर चमका सकती है.
फिलहाल मोदी मंत्रिमंडल में पीएम के अलावा यूपी से 8 नेताओं को जगह मिली हुई है. इसमें 3 कैबिनेट स्तर के, 2 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के और 3 राज्यमंत्री स्तर के शामिल हैं. बता दें कि राज्यसभा और लोकसभा को मिलाकर कुल 80 सांसद यूपी से आते हैं.