बेटियों को खिलाड़ी बनायें या बचायें ?
कमलेश भारतीय
हरियाणा के पानीपत में ही यह गर्व करने लायक घोषणा हुई थी -बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ! यह भी जोड़ दिया गया कुछ नेताओं द्वारा कि बेटियों को खिलाड़ी बनाओ , खेल मैदान में भेजो ! अब हरियाणा की फौगाट बहनों की कहानी तो सारा जग जानता है कि कैसे वे अखाड़े में पिता महावीर फौगाट की प्रेरणा से पहुंचीं और फिर अमीर खान ने कैसे दंगल जैसी प्रेरणादायक फिल्म बना दी ! क्या कोई कल्पना कर सकता है कि उसी फौगाट परिवार की बेटी को कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच पर महिला पहलवानों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए आखों में आंसू भर कर सामने आना पड़े ? पर यह कल्पना नहीं सच है । विनेश फौगाट रोयी और उसके आंसुओं ने हरेक प्रेमी को रुला दिया । अभी एक महिला कोच के हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह पर लगे छेड़छाड़ के आरोप की जांच चल रही है और अभी इसकी आंच सुलग रही है और अब यह विनाश फौगाट के नये प्रकरण ने तो जैसे खेल जगत में तूफान ही ला दिया ।
विनय फौगाट ने खुले शब्दों में आरोप लगाया कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण और उनके चहेते कोच नेशनल कैंप में महिला पहलवानों का शोषण करते हैं । आवाज उठाने पर धमकाते हैं । एक अधिकारी ने तो जान से मारने की धमकी भी दी । इस पर खेल मंत्रालय ने बृज भूषण शरण को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है । कुश्ती संघ के कार्यकारी सचिव विनोद तोमर ने वही जवाब दिया है जो आमतौर पर दिया जाता है कि खिलाड़ियों को राजनीति का मोहरा बनाने की कोशिश की जा रही है । बचाव की मुद्रा में कुश्ती संघ आ चुका है ।
इस मामले के सामने आने के बाद पचास से अधिक अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर मंतर पर देर रात धरने पर बैठे रहे ! इनमें विनेश फौगाट तो थी ही बल्कि बजरंग पूनिया , सरिता मोर , साक्षी मलिक , संगीता फौगाट और अंशु मलिक आदि प्रमुख रहे ।
बृज भूषण शरण भाजपा सांसद भी हैं और वे इस प्रकरण से इंकार कर रहे हैं ।
अब सवाल उठता है कि क्या बेटियों को खिलाड़ी बनाना आसान है ? खेल मैदान तक बहुत सी लडकियां पहुंच भी नहीं पातीं क्योंकि अभिभावकों का विश्वास जीतना इतना आसान नहीं । फिर महिला का कुश्ती में आने तो और भी मुश्किल था । छोटी छोटी ड्रैस में अखाड़े में कौन आने देता है ? पर मां बाप ने हिम्मत की और बेटियों को महावीर फौगाट की प्रेरणा से कुश्ती के लिए भेजना शुरू किया तो बेटियों ने भी देश को पदक जीत जीत कर गौरव प्रदान किया । हालांकि टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा भी ऐसी टिप्पणियों का शिकार हुई कि छोटी ड्रैस में क्यों ? उसने इसका करारा जवाब भी दिया था । पर अब महिला पहलवान क्या करें ? सीधा यौन शोषण का आरोप ? और खेल मंत्रालय अपनी साख बचाने राजनीति के मोहरे बनने के आरोप लगाने से बाज नहीं आया ! क्या इस ढाल इस मामले को देखा जायेगा ? फिर तो हरियाणा की महिला कोच की तरह यही आशंका है कि यह मामला भी खटाई में पड़ा रह जायेगा या फाइलों में धूल चाटने लगेगा ! बेटियों को बचाइये , पढाइये, खेल मैदान में भी भेजिए लेकिन यह तो बताइए कि इन्हें बुरी नजरों से बचायें कैसे ?
(पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी)