मनीष गुप्ता हत्याकांड:योगी सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश
इससे पहले नरेंद्र गिरि की मौत का मामला भी सौंपा था
यूपी सरकार ने मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच CBI से कराने की सिफारिश की है। कानपुर के कारोबारी मनीष की 27 सितंबर की रात गोरखपुर में पुलिस की कथित पिटाई से मौत हो गई थी। योगी सरकार ने शुक्रवार को लेटर जारी कर बताया जब तक CBI मामले को टेक ओवर नहीं करती, तब तक SIT जांच को आगे बढ़ाएगी। मामले की जांच को गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर कर दिया गया है।
इससे पहले सरकार ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को कानपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी में OSD पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदद के तौर पर परिवार को 40 लाख रुपए देने का आदेश दिया था। यूपी सरकार ने 9 दिन के अंदर दूसरी बार केंद्रीय जांच एजेंसी पर भरोसा दिखाया है। इससे पहले महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड केस की जांच CBI को सौंपी गई है।
मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने की थी CBI जांच की मांग
शुक्रवार को ही मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने मुख्यमंत्री से CBI जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पति को न्याय दिलाने के लिए जल्द से जल्द CBI जांच शुरू कराएं। हत्याकांड के बाद गोरखपुर पुलिस और प्रशासन का जो रवैया रहा, इसे देखते हुए मैं उन पर भरोसा नहीं कर सकती।
चेकिंग के बहाने होटल में घुसी पुलिस, बुरी तरह पिटाई की
कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी 36 साल के मनीष गुप्ता गुड़गांव के दो दोस्तों के साथ कंपनी के काम से गोरखपुर गए थे। 27 सितंबर की देर रात चेकिंग के बहाने होटल में घुसी पुलिस से मनीष और उनके दोस्तों से कहासुनी हो गई थी। इसके बाद पुलिस की पिटाई से मनीष की मौत हो गई। आरोप है कि जांच का विरोध करने पर पुलिसवालों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। उनके दोस्तों को भी पीटा था।
हालत खराब होने के बाद पुलिस मनीष को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने मनीष को मृत बताया। इसके बाद कानपुर से मनीष की पत्नी और परिवार के लोग पहुंचे। पत्नी की तहरीर पर रामगढ़ ताल थाने में SHO जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा और सब इंस्पेक्टर विजय यादव को नामजद किया गया। नामजद तीन पुलिसकर्मियों समेत 6 को सस्पेंड कर दिया गया।
23 सितंबर को महंत की मौत की जांच CBI को
21 सितंबर को प्रयागराज में बाघंबरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की कथित मौत हुई थी। घटना स्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। 23 सितंबर को यूपी सरकार की तरफ से की गई CBI जांच की सिफारिश की गई थी। CBI टीम ने तीन आरोपियों को सीजेएम कोर्ट से 7 दिन की कस्टडी रिमांड ले ली है। तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है।