ममता ने एनआरसी पर लगाया फुल स्टॉप, ये रही वजह
असम में NRC लिस्ट जारी होने के बाद दिल्ली, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इस लिस्ट की मांग की गई थी। हालांकि बंगाल के तृणमूल कांग्रेस(TMC) की अध्यक्ष व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Mamta Banarjee) ने बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने से साफ़ मना कर दिया है। विधानसभा में नियम 185 के तहत एनआरसी पर एक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ममता ने कहा, ‘हमलोग भाजपा को एनआरसी बंगाल में लागू नहीं करने देंगे।’
विधानसभा में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू करने को लेकर बंगाल(West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआरसी को अमानवीय और तानाशाही भरा कदम करार दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जिस तरह लोकतांत्रिक व्यवस्था को तहस-नहस किया जा रहा है उसमें सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा। भाजपा के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा। मुख्यमंत्री ने एनआरसी के विरुद्ध विधानसभा में कांग्रेस और वाममोर्चा के समर्थन से सरकार द्वारा लाए गए संयुक्त प्रस्ताव पर बहस के जवाब में यह बातें कही। बहस के बाद प्रस्ताव पारित हो गया। राज्य विधानसभा में एनआरसी पर राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि एनआरसी पूरी तरह से मानवता के खिलाफ है। इससे लाखों लोग बेघर हो गए हैं। इसे लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। केंद्र सरकार ने इस पर सटीक कदम नहीं उठाया है। अविलंब लोगों को परेशान करना बंद होना चाहिए।
नीतीश कुमार भी है ममता के साथ
गौरतलब है कि तृणमूल शनिवार व रविवार को जिलों में एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं 12 को खुद ममता सड़क पर उतर कर विरोध जताएंगी। इसके साथ ही उन्होंने जदयू(JDU) के वरिष्ठ नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) को भी अपनी तरफ कर लिया है। उन्होंने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने भी कहा है कि वो एनआरसी को स्वीकार नहीं करेंगे। इससे पहले हैदराबाद में AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया था।