Tirupati Ladoo Controversy : पवन कल्याण की बेटी ने क्यों किया डिक्लेरेशन साइन, जानिए क्या है वजह

Tirupati Ladoo में मिलावट को लेकर चल रहे विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की छोटी बेटी, पोलिना अंजनी कोनिडेला ने बुधवार को तिरुमाला मंदिर जाने से पहले अपने विश्वास की घोषणा की।

Tirupati Ladoo विवाद: पवन कल्याण की बेटी ने किया डिक्लेरेशन साइन

हैदराबाद। तिरुपति मंदिर में Tirupati Ladoo में मिलावट को लेकर चल रहे विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की छोटी बेटी, पोलिना अंजनी कोनिडेला ने बुधवार को तिरुमाला मंदिर जाने से पहले अपने विश्वास की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी भगवान वेंकटेश्वर में गहरी आस्था है, इसलिए उन्होंने मंदिर में प्रवेश करने से पहले आवश्यक डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर किए।

मंदिर के नियम

तिरुपति मंदिर के नियमों के अनुसार, गैर-हिंदुओं और विदेशियों को मंदिर में प्रवेश से पहले देवता में आस्था की पुष्टि के लिए डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर करना होता है। पोलिना, जो कि नाबालिग हैं, ने इस प्रक्रिया का पालन करते हुए कागजात पर हस्ताक्षर किए। चूंकि वह कम उम्र की हैं, उनके पिता पवन कल्याण ने भी दस्तावेज़ों पर अपने हस्ताक्षर किए।

परिवार का मंदिर दौरा

पोलिना के साथ उनके भाई मार्क भी थे, जबकि उनकी बहन आद्या भी परिवार के साथ मंदिर गईं। पवन कल्याण की पहली पत्नी रेणु देसाई से हुई शादी से आद्या हैं। पवन कल्याण ने अपने परिवार के साथ इस धार्मिक यात्रा का आनंद लिया और इसे सामाजिक मीडिया पर साझा किया गया। जन सेना पार्टी के आधिकारिक हैंडल ने पवन कल्याण और पोलिना के डिक्लेरेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की फोटो भी साझा की।

11 दिवसीय तपस्या

पवन कल्याण वर्तमान में 11 दिवसीय तपस्या के तहत तिरुपति मंदिर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उनके इस यात्रा का उद्देश्य भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त करना और हाल ही में तिरुपति लड्डू में हुई मिलावट के विवाद के बीच अपनी आस्था को और मजबूत करना है।

राजनीतिक संदर्भ

तिरुपति लड्डू के मुद्दे ने हाल ही में राजनीतिक हलकों में विवाद पैदा कर दिया है, जिसके कारण इस यात्रा की विशेषता और भी बढ़ गई है। पवन कल्याण की इस यात्रा को उनकी धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है।

निष्कर्ष

इस घटना ने न केवल तिरुपति मंदिर की धार्मिक महत्ता को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे व्यक्तिगत विश्वास और राजनीतिक संदर्भ आपस में जुड़े हुए हैं। पवन कल्याण का यह कदम उनकी आस्था को दर्शाता है, वहीं पोलिना का डिक्लेरेशन भी धार्मिक परंपराओं का पालन करने का संकेत है।

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