11 महीने बाद खुला टीकरी बॉर्डर:सुबह 7 से शाम 8 बजे तक गुजर सकेंगे एंबुलेंस व दोपहिया वाहन,
किसानों के साथ दिल्ली और हरियाणा पुलिस की बैठक
टिकरी बॉर्डर पर शनिवार सुबह का नजारा।
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 11 महीने से बंद हरियाणा का टिकरी बॉर्डर टू-व्हीलर, पैदल और एंबुलेंस के लिए आज से खुल गया है। किसान नेताओं के साथ दिल्ली और हरियाणा पुलिस के अधिकारियों की हुई बैठक के बाद कुछ सहमति बनी है। इसके तहत सुबह 7 से शाम 8 बजे तक बॉर्डर खुला रहेगा। इसके लिए सड़क के एक साइड 2-2 फीट दोनों तरफ से बैरिकेड्स भी हटा दिए हैं।
किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच हुई बैठक के दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी।
दरअसल, शनिवार को किसान नेताओं के साथ बहादुरगढ़ के डीएसपी और दिल्ली के मुंडका थाना प्रभारी की मीटिंग बॉर्डर पर ही हुई। इस मीटिंग से पहले किसानों ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। बैठक में किसानों ने साफ कर दिया था कि 6 नवंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले वह 5 फीट तक रास्ता खोलने पर सहमति है। उसके बाद बैठक में जो भी निर्णय मोर्चा लेगा उस पर अमल किया जाएगा।
इधर, दिल्ली और हरियाणा पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक में भी किसानों ने इन्ही दोनों बातों को दोहराया। काफी देर चली इस मीटिंग के बाद किसान नेता बूटा सिंह ने बताया कि हमारी सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक दोपहिया वाहन, पैदल व एंबुलेंस के लिए रास्ता खोलने पर सहमति बन गई है। पुलिस ने एक साइड की सड़क से 4 फीट तक बैरिकेड्स भी हटा दिए हैं।
उद्योगपति भी पहुंचे बॉर्डर पर
वहीं दूसरी तरफ बॉर्डर खोलने की सुगबुगाहट के बाद बहादुरगढ़ के कुछ उद्योगपति भी बॉर्डर पर पहुंचे। उद्योगपतियों ने कहा कि बॉर्डर बंद होने से 50 % कंपनियां बंद हो चुकी। बची हुई कंपनियां भी बंद होने के कगार पर है।
त्योहार के सीजन में अब उन्हें कुछ राहत की उम्मीद है। इसलिए उद्योगपतियों ने किसान और प्रशासन दोनों से बीच का रास्ता निकाल कर सड़क को खुलवाने की अपील की है। उद्योगपतियों का कहना है कि पैदल और दोपहिया वाहनों के लिए रास्ता खोलने से कोई बड़ा फायदा नहीं होगा। इसलिए कम से कम गाड़ियों के लिए तो रास्ता खोलना ही चाहिए।
टिकरी बॉर्डर स्थित आंदोलन स्थल पर खड़े बहादुरगढ़ के उद्योगपति।
2 घंटे की बैठक रही थी बेनतीजा
शुक्रवार की शाम को भी रास्ता खुलवाने के लिए हरियाणा की हाईपावर कमेटी में शामिल झज्जर के डीसी श्याम लाल पूनिया, एसपी वसीम अकरम व दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई थी। 2 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली इस बैठक में रास्ता खोलने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
किसानों ने इस बैठक में भी 5 फीट तक का रास्ता खोलने की बात की थी, जिससे पैदल, बाइक, ऑटो और एंबुलेंस निकल सके। लेकिन इस बैठक में कोई हाल नहीं निकल पाया था। इसी वजह से आज एक बार फिर बैठक हुई और उसमें अब दोपहिया वाहन, पैदल आने-जाने वाले लोगों के अलावा एंबुलेंस के लिए रास्ता खोलने की सहमति बन गई थी।
6 को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग
दिल्ली के बॉर्डर खोलने के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 6 नवंबर को एक बैठक बुलाई है। उम्मीद है कि उस मीटिंग में भी कोई फैसला लिया जा सकता है।
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