टिकैत ने बताया किसान आंदोलन को लंबा चलाने का नया फार्मूला, कही ये बात
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि सरकार हमारी मांगे न मानकर आंदोलन (Farmers Protest) को लंबा खींचना चाहती है। ऐसे में उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के डटे रहने की नई रणनीति तैयार कर ली है। उन्होंने कहा है कि हर एक गांव से एक ट्रैक्टर और 15 लोग 10 दिन तक प्रदर्शनस्थल पर रहेंगे। इसी प्रकार बारी-बारी से लोग धरना देते रहेंगे। जब तक कानून पूरी तरह से वापस नहीं होंगे किसान आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं विपक्षी दल किसानों को जबरदस्त समर्थन दे रहे हैं। गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात करने जा रहे 10 विपक्षी दलों के 15 सांसदों को पुलिस ने गाजीपुर सीमा पर जाने से रोक दिया। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया है। प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने जा रहे सांसदों के समूह में शिरोमणि अकाली दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य लोग शामिल थे।
इस मौके पर शिअद नेता ने कहा कि नेताओं को अवरोधों को पार करने और प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई। इस मौके पर सांसद सुप्रिया सुले, द्रमुक से कनिमोई और तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय मौजूद थे।
चक्का जाम से पहले शाह की एसएन श्रीवास्तव से मुलाकात
वहीं किसानों ने शनिवार को चक्का जाम की घोषणा की है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्का जाम के पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव के साथ गुरुवार को बैठक की। इस बारे में सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार श्रीवास्तव ने शनिवार को किसान यूनियनों द्वारा आहूत चक्का जाम के मद्देनजर उठाए गए एहतियाती कदम और शहर में सुरक्षा की स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया।
बताया जा रहा है कि कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल भी बैठक में मौजूद थे। दिल्ली पुलिस ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर नवंबर के मध्य से ही डटे हुए हैं।
बजट सत्र में भी छाया किसान आंदोलन
वहीं बजट सत्र में भी किसान आंदोलन इस बार छाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को वक्तव्य देंगे। उम्मीद की जा रही है कि कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष की ओर से जितने हमले किए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री गिन-गिन कर सबका जवाब देंगे। अभी फिलहाल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 15 घंटे का वक्त मुकर्रर किया गया है। बीते दो दिनों से राज्यसभा में इस पर चर्चा चल रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही कृषि विधेयकों पर भी विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। इस बीच आंदोलनरत किसानों के खिलाफ की गई एफआईआर, गिरफ्तारियां और उनके धरना स्थल के इर्दगिर्द कंटीले तारों की बाड़बंदी, सीमेंटेड दीवारें बनाने और कीलें बिछाए जाने के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह भी सरकार का पक्ष रख सकते हैं।