69 साल बाद की कल्पना: टाइगर श्रॉफ की ‘गणपत’ की कहानी
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लंदन में ढाई महीने का है पहला शेड्यूल, फिर सिंगापुर और अफ्रीकी देशों में भी ट्रैवल करती है कहानी69 साल बाद मुंबई और बाकी दुनिया की है कल्पना, हेवी वीएफएक्स-एक्शन जॉनर की फिल्म
टाइगर श्रॉफ हाल तक ‘हीरोपंती 2’ शूट कर रहे थे। अब वो ‘गणपत’ के लिए रेडी हो रहे हैं। फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल बहुत जल्द लंदन जा रहे हैं। वहां फिल्म का पहला शेड्यूल होगा। फिल्म से जुड़ सूत्रों और विकास बहल के करीबियों ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा,’ विकास बहल हाल तक ‘गुडबॉय’ कर रहे थे। कोविड और लॉकडाउन के चलते उसकी शूटिंग आगे खिसकती गई। तब तक अमिताभ बच्चन की तारीखें उस फिल्म के लिए पूरी हो गईं। साथ ही मुंबई में बारिश आ गई। ऐसे में ‘गुडबॉय’ फिलहाल होल्ड पर चली गई। बरसात बाद वह फिर से रिज्यूम की जाएगी।
फ्यूचर में सेट है गणपत की कहानी
इस बीच विकास बहल लंदन में दो-ढाई महीने तक ‘गणपत’ का पहला शेड्यूल कंप्लीट करेंगे। विकास बहल के करीबियों ने कहा- यह फिल्म दुनिया के कई देशों में शूट होगी। लंदन के बाद यह सिंगापुर और फिर जापान भी ट्रैवल करेगी। मुंबई में भी इसका अच्छा खासा चंक शूट होगा ही। यह मूल रूप से फ्यूचर में सेट है। आज से 69 साल आगे यानी साल 2090 का मुंबई कैसा होगा? इंडिया किन मुद्दों को डील कर रहा होगा या वर्ल्ड की सोशियो पॉलिटिकल सिचुएशन कैसी होगी, वह सब प्लॉट में इनकॉरपोरेट किया गया है।
तीसरे वर्ल्ड वॉर का जबरदस्त एक्शन
फिल्म से जुड़े सूत्रों ने टाइगर के किरदार की भी जानकारी दी। उनके मुताबिक- हीरो अनाथ है, जिसे एक फाइट मास्टर पाल पोस कर बड़ा करता है। हीरोइन कृति सैनन का भी फिल्म में बहुत एक्शन है। दोनों मेन लीड किरदारों के साथ साथ तकरीबन 50 सपोर्टिंग कास्ट हैं। फिल्म मेंमें कोई एक इंसान विलेन नहीं है। 69 साल आगे के हालात ने सबका जीना मुहाल किया है। कभी भी कहीं भी किसी कंट्री पर हमले हो जाते हैं। उससे बचने की जद्दोजहद में सभी किरदार मार-काट कर रहे होते हैं।
कहानी फ्यूचर के उस कालखंड में सेट है, जहां कुछेक दिन पहले ही तीसरे या चौथे वर्ल्ड वॉर जैसी सिचुएशन से लोग उबरे हैं। वॉर खत्म हुआ ही है, पर लोगों में आपसी अविश्वास की भावना है। ऐसे में एक अघोषित वॉर की सिचुएशन और टेंशन हमेशा बनी रहती है। सभी किरदारों को अपनी और दुनिया की जान बचाने के लिए हथियार पास में रखने पड़ते हैं।
200 करोड़ से ज्यादा का है बजट
मेकर्स ने कहानी में मिस्ट्री रखी है। किरदारों को एक ऐसे जहान में रखा है, जहां वर्ल्ड वॉर जैसा कुछ हुआ है। तबाही का मंजर चारों ओर है। वैसी परिस्थिति में वो जीने को मजबूर हैं। वह वॉर हालांकि नहीं दिखाया जाता है। फिल्म को बड़े स्केल पर माउंट किया गया है। इसके प्री प्रॉडक्शन पर ही साल भर से काम चल रहा है। इसका टाईटल ‘गणपत’ रखने की वजह है। यह टाइगर का नाम नहीं है। उनका नाम कुछ और रखा गया है। वाशु भगनानी इसके प्रोड्यूसर हैं। सूत्रों का कहना है कि बजट 200 करोड़ से ज्यादा जा रहा है।