एक ऐसा “मनहूस” घर जिसमे जाते ही यूँ बीमार हुए अरुण जेटली कि फिर उबर न सके!

लोक सभा के पिछ्ले सत्र में वित्त मंत्री होने के नाते स्वर्गीय अरुण जेटली को रहने के लिए सरकार की तरफ से एक बांग्ला दिया गया था। ये बांग्ला कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित था। हालाँकि आलिशान होने के बावजूद जेटली ने इस बंगले को कुछ समय बाद ही छोड़ दिया और कैलाश कॉलोनी स्थित अपने आवास में आकर रहने लगे।

दरअसल कृष्णा मेनन मार्ग स्थित इस बंगले के बारे में माना जाता है कि इसमें वास्तु दोष है। इस वजह से भव्य और आलिशान होने के बावजूद कोई नेता इस बंगले में आकर रहना नहीं चाहता। जो भी आकर इस बंगले में रहा है, उसे मुश्किलों का दौर झेलना पड़ा है। अरुण जेटली से पहले इस बंगले में कांग्रेस नेता और पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम रहा करते थे। वो भी उस दौरान टेलीकॉम घोटाले में फंसे थे और साथ ही उनके बाथरूम से करेंसी नोट भी बरामद हुए थे। उनके अलावा समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी इस बंगले में रह चुके हैं। जानकारी के अनुसार इस बंगले में रहने के बाद से ही उन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।

अरुण जेटली भी कुछ समय से इसी बंगले में रह रहे थे। और पिछले साल से ही उन्हें बार बार स्वास्थ सम्बन्धी परेशानियां झेलनी पड़ी। पहले किडनी ट्रांसप्लांट, फिर दाएं पैर में टिश्यू कैंसर और फिर सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा कैंसर ने उन्हें जकड कर रखा। अरुण जेटली ने भी धीरे धीरे मान लिया कि ये घर उनके लिए अशुभ था। आख़िरकार जुलाई 2019 में उन्होंने इस घर को अलविदा कह दिया। कुछ दिनों बाद ही जेटली को AIIMS में भर्ती कराया गया। घर छोड़ने के लगभग एक महीने बाद ही अरुण जेटली दुनिया को अलविदा कह गए। कुछ इसी तरह की खबर सुषमा स्वराज को आवंटित सिविल लाइन्स स्थित बंगले के लिए भी आई थी। उसमे भी वास्तु दोष बताया गया था जिसकी वजह से कोई राजनेता उस बंगले में जाने को तैयार नहीं होता।

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