कभी किसी ने सोचा भी न होगा, फेंके हुए नारियल से बन सकता है नेशनल रिकॉर्ड!!!
कहते हैं अगर कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो छोटे प्रयास से भी बड़ा काम किया जा सकता है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है आगर मालवा जिले के गजेंद्र शर्मा ने, जिन्होंने कचरा प्रबंधन पर जनता को संदेश देते हुए बेकार पड़े कच्चे नारियल को समेटकर उन पर विश्व धरोहरों का चित्रण कर अपना नाम इंडिया बुक रिकॉर्ड में दर्ज कराया है।
आगर मालवा जिले के नरवल में रहने वाले 19 वर्षीय गजेंद्र शर्मा जो कि होलकर कालेज इंदौर में बीएससी के छात्र है। जब गजेंद्र ने देखा कि लोग नारियल पानी पीकर नारियल को डस्टबिन में डाल देते है तब गजेंद्र ने इसके उपयोग करने के बारे में सोचा।
पढ़ाई के साथ गजेन्द्र ने अपने दो दोस्तों की मदद से कुछ और करने की ठानी और नारियल पानी पीने के बाद फेंके दिए बेकार नारियल के खोल को जुटाकर सुखाया और फिर मात्र दो दिनों में 51 नारियल पर विश्व धरोहरों को चित्रित किया, जिसमें लाल किला, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, ताजमहल आदि का चित्रण किया। गजेन्द्र अपने दो मित्रों के सहयोग से चित्रण कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। जिस पर आगर मालवा कलेक्टर ने गजेंद्र को सम्मानित किया है।
गजेंद्र के अनुसार उसके इस काम में महज 72 रुपये का खर्च आया है, उन्होंने बताया कि आगर-मालवा प्रदेश का 51वां जिला है, इसलिए उन्होंने शुरुआत में 51 नारियल के खाली कवर को एकत्र कर चित्रण किया है। गजेद्र ने बताया कि कचरे का किसी न किसी रूप से उपयोग किया जा सकता है, कचरे के उपयोग के प्रति जागरूकता लाने का उनका ये एक प्रयास है। फिलहाल गजेंद्र अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम लिखाने में जुट गये हैं।
कनीराम यादव की रिपोर्ट