मोहब्बत में मारी गयी दरवेश यादव !
उत्तर प्रदेश की बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव का मर्डर केस चर्चाओं में बना हुआ है | कैसे दरवेश की उन्ही के साथी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी | दरवेश दो दिन पहले ही यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष बनी थी | वे पहली महिला बार काउंसिल अध्यक्ष थी | जिस दिन आगरा की कचहरी में दरवेश की हत्या हुई उस दिन दरवेश का स्वागत समारोह आयोजित किया गया था | तभी अरविंद मिश्रा के चेंबर में मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से दरवेश की 3 गोली मारकर हत्या कर दी | जिसके बाद मनीष शर्मा ने खुद को भी गोली मार ली | मगर ये सवाल सवाल सबके जहन में गूंज रहा है, कि मनीष ने खुद को गोली क्यों मारी ! तो चलिए हम बता देते हैं |
जानकारी के मुताबिक दरवेश की हत्या के पीछे त्रिकोणीय प्रेम कहानी है | जो दरवेश यादव, मनीष शर्मा और सतीश यादव से जुड़ी हुई है | दरवेश यादव और मनीष शर्मा के बीच प्यार मोहब्बत वाला इश्क था | मगर कुछ दिनों से दोनों की अनबन हो गई थी | अनबन की वजह सतीश यादव का दरवेश के करीब आना था | सतीश यादव दारोगा है, जो मैनपुरी में तैनात है | जानकारी के मुताबिक दरवेश मनीष से दूर जा रहीं थीं | ये बात मनीष को अच्छी नहीं लग रही थी | दरवेश की हत्या से करीब 15 दिन पहले सतीश और मनीष झगड़ा भी हुआ था | उस वक्त दरवेश भी वहां मौजूद थी | तब मनीष ने दरवेश से कहा था कि सतीश आगे से उसके साथ नहीं दिखना चाहिए | जिसपर दरवेश ने सहमति जता दी थी | मगर दोनों के बीच आई खटास दूर नहीं हुई ,और जब दरवेश बार काउंसिल की अध्यक्ष बनी और उनका आगरा की कचहरी में सम्मान हुआ तो अरविंद मिश्रा, मनीष शर्मा के पास आए,और कहा कि आओ पुराने गिले शिकवे दूर कर लो | जो हुआ उसे भूल जाओ.. मनीष इसके लिए तैयार हो गया | उस वक्त दरवेश अरिवंद मिश्रा के चैंबर में बैठी हुई थीं | उनके साथ वहां दरवेश की बहन कंचन और मौसी का लड़का मनोज यादव और विनीत गलोच्छा भी मौजूद था | मगर दरवेश के साथ सतीश यादव भी था | जब मनीष अरिवंद मिश्रा के साथ उनके चैंबर पहुंचा तो वहां सतीश यादव को देख मनीष का गुस्सा भड़क गया | इसी दौरान मनोज यादव ने मनीष से कुछ कहा जिसके बाद मनीष ने अपनी लाइसॆंसी पिस्टल को निकाला और मनोज के ऊपर गोली चला दी | मनोज नीचे बैठ गया | मनीष ने दरवेश पर 3 गोलिया चलाई जिसमें दो गोली सीने पर और 1 गोली दरवेश के सिर में लगी | उसके बाद मनीष ने पिस्टल अपनी कनपट्टी से सटा दी और खुद को गोली मार ली |
दरवेश को पुष्पांजलि अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया | इस पूरी कहानी के 5 चश्मदीद है | जिन्होंने सबकुछ अपनी आंखों से देखा है वह मनोज यादव, दरवेश की मौसी का लड़का, कंचन दरवेश की बहन, अरविंद मिश्रा जिसके चैंबर में ये हत्या हई, विनीत गलोच्छा, अरविंद के साथी अधिवक्ता, पांचवां सतीश यादव जिसे देख मनीष ने गुस्से में दरवेश की हत्या कर दी | जबकि सतीश यादव का कहना है कि हत्या से पहले वो वहां से निकल चुका था | मगर दूसरे चश्मदीदों के मुताबिक सतीश यादव वहां मौजूद था | दरवेश मर्डर केस कोई रंजिश नहीं बल्कि एक त्रिकोणीय प्रेम के चलते हुआ |