महावत मुसलमान, हथिनी राधा और रोज़ ही भगवान की आरती!!!!

मथुरा के गोकुल में रमण रेवती मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां,भगवान की आरती हथनी उतारती है। मुस्लिम महावत सलीम खान और अमजद खान हर समय हथनी, जिसका नाम राधा है कि देख-रेख में लगे रहते हैं। राधा (हथिनी) के कारण दोनों मुस्लिम महावत सुबह-शाम उसके साथ भगवान की आरती में शामिल होते हैं और मंदिर की परिक्रमा भी लगाते हैं।
इस दौरान हर कोई राधा के पैर छूता है और भेंट स्वरूप दक्षिणा देते हैं। राधा भी दक्षिणा लेकर अपने महावत के हाथों में सौंप देती है। वह अपनी सूंढ से रुपए तब-तक पकड़े रहती है, जब तक कि महावत इसे ले न लें।
कृष्ण व राधा की तरह थी हाथी माधव-राधा की जोड़ी
रमण रेती मंदिर की प्रथा है कि हाथी ही यहां भगवान की आरती करता है। इसी प्रथा को आगे बढ़ाने के लिए 10 साल पहले हथनी राधा और हाथी माधव बाल्यावस्था में यहां लाए गए थे।
5 साल पहले माधव ने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। तभी से राधा ने भगवान कृष्ण की आरती की जिम्मेदारी संभाल ली।
मुस्लिम महावतों को भी हो गया है कान्हा से प्यार
महावत सलीम खान ने बताया- हथनी राधा हमारे लिए बेटी के जैसी है। राधा के साथ कान्हा की आरती कराते-कराते हमें भी कृष्ण से प्रेम हो गया।
कृष्ण अपने आप में प्रेम और सौहार्दय के प्रतीक हैं। उनकी भक्ति के लिए धर्म को बीच में नहीं रखना चाहिए।
मंदिर में बनारस से आए संत दांडी महाराज ने बताया- महाराज के आदेश पर प्रवास के लिए यहां आए थे।