गुजरात का ये भी बच्चा अनोखी बीमारी से ग्रस्त, 16 करोड़ रुपये वाले इंजेक्शन की जरूरत
भरूच (गुजरात). गुजरात (Gujarat) के महिसागर जिले के धैर्यराज और सोमनाथ जिले के विवान वाधेल के बाद अब राज्य के भरूच के रहने वाले एक परिवार के बच्चे के भी अनोखी बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए टाइप 1) से ग्रसित होने की बात सामने आई है. शुरुआत के दो मामलों से पहले गुजरात में यह बीमारी नहीं थी. इस बीमारी के इलाज के लिए अब इस बच्चे को भी 16 करोड़ रुपये कीमत वाले इंजेक्शन की जरूरत है. इससे पहले धैर्यराज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन के लिए काफी चंदा किया गया था.
वहीं विवान के लिए भी 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन के लिए रुपये जुटाने का अभियान चलाया गया था. इसके तहत उसके पिता के पास 2 करोड़ रुपये मदद के रूप में आए थे. लेकिन अंत में उसे बचाया नहीं जा सका. अब भरूच के रहने वाले पवार परिवार के बच्चे को भी इसी इंजेक्शन की जरूरत है. इस बच्चे का नाम पार्थ है.
पार्थ के अंकल ने भरूच गुजराती के जरिये अपील की है कि जिस तरह से धैर्यराज के इलाज के लिए बड़ा अभियान चलाकर रुपये जुटाकर उसकी जान बचाई गई थी, वैसे ही क्राउड फंडिंग से पार्थ के लिए भी पैसे जुटाए जाएं और उसकी जान बचाई जाए.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बच्चों में पाई जाने वाली बीमारी है. इसमें बच्चों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. इसके कारण रीढ़ की हड्डी का मुड़ना भी परेशानी का सबब होता है.कई साल पहले तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था, लेकिन अब डॉक्टरों से इसका इलाज खोज निकाला है. 2016 में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने स्पाइनरजा नूसिनरसन को इलाज के लिए मंजूर कर लिया है. स्पाइनरजा को इंजेक्शन के जरिये रीढ़ की हड्डी के पास लगाया जाता है. इससे प्रोटीन को बढ़ाया जाता है. इससे कोशिकाएं बेहतर रूप से काम करने लगती हैं.