मायावती को उनके ही इस सिपहसालार ने कह दिया बिकाऊ
उत्तर प्रदेश में दलितों के हित की बात करने वाली बसपा सरकार की परेशानिया कम होने का नाम नही ले रही है। बसपा सुप्रीमो की नीतियों की वजह से उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अब बागी होते दिखाई दे रहे है। 2009 में कानपुर से बसपा की टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके अनुभव चक ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है।
बसपा नेता अनुभव चक बुधवार को अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा देने बसपा कार्यालय पहुंचे थे। हालांकि कार्यालय को बंद देख सभी कार्यकर्ता और ज्यादा नाराज हो गए। कार्यकर्ता अपने साथ लाए बैनर को कार्यालय के दरवाजे पर लगाकर मायावती के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के दौरान कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की । कार्यकर्ताओ का कहना है कि बीएसपी भाई सतीश पार्टी हो गई है।
पार्टी से नेता निकले हैं या फिर निकाले हैं
इस दौरान समर्थको ने पार्टी की नीतियों पर भी सवाल उठा दिए। वहीँ नारेबाजी करते हुए सभी कार्यकर्ताओं ने भाई सतीश पार्टी का बैनर कार्यालय में टांग दिया। वहीँ इस्तीफा देने पहुंचे अनुभव चक का कहना है कि पार्टी से बड़े से बड़े नेता को या तो पार्टी से निकाल दिया गया है, या फिर उन्होंने खुद पार्टी छोड़ दी है । नसीमुद्दीन सिद्दीकी और स्वामीप्रसाद मौर्या पर तंज कसते हुए चक ने कहा कि किसी ने उनकी नीतियों का विरोध नही किया।
बिकाऊ हो गई हैं बहन जी
मायावती पर उंगली उठाते हुए उन्होंने कहा कि आज जब बहन जी बिकाऊ हो गई है, तो हम उनकी नीतियों का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा कि मायावती जी निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर पैसे वालो को तवज्जो दे रही है, इसलिए बसपा पार्टी के पदाधिकारी आज सड़को पर उतर कर उनकी नीतियों का विरोध कर रहे है।