अब टीएमसी, एनसीपी समेत इस बड़ी पार्टी की राष्ट्रीय मान्यता पर मंडराया खतरा

इन पार्टियों का अस्तित्व खतरे में, चुनाव आयोग की लटकी तलवारएक राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता देने के लिए देश के चुनाव आयोग ने कुछ मानक तय किए हैं। उन शर्तों पर खरा उतरने के बाद ही एक राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है। मई में हुए चुनावों के बाद चुनाव आयोग ने कुछ राष्ट्रीय पार्टियों को इस दर्जे के लिए नाकाबिल पाया। ऐसे में आयोग ने इन पार्टियों को नोटिस जारी कर दिया है।
चुनाव आयोग ने पाया है कि टीएमसी (TMC), एनसीपी (NCP) और सीपीआई (CPI) राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता प्राप्त करने के लिए निर्धारित 3 शर्तों पर खरा नहीं उतरती और इसलिए उन्हें नोटिस भेजा है। वहीँ 6 राज्यों में 6 राज्य स्तरीय पार्टियों की मान्यता खतरे में है। इसमें अजीत सिंह (Ajit Singh) की अगुआई वाली राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal/आरएलडी) भी शामिल है। चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में सभी पार्टियों ने आयोग से गुहार लगाई थी कि मान्यता खत्म न की जाए। इसलिए चुनाव आयोग सभी 6 पार्टियों को सुनवाई का आखिरी मौका देगी।
1866 पंजीकृत राजनीतिक दल
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के समक्ष राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने के लिए काफी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। मार्च 2014 से इस जुलाई 2019 के बीच 239 नए संगठनों ने पंजीकरण कराया है। इनमे से 56 दल मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल थे हुए और शेष पंजीकृत दल गैर-मान्यता प्राप्त थे। चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जुलाई को देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की कुल संख्या 1866 दर्ज की गई। देश में राजनीतिक दलों इतनी बड़ी संख्या की वजह से ही भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है।