1 मार्च को होगी मलिक गठवाला खाप के 52 गाँव की महापंचायत

तीन कृषि कानूनो को लेकर जहां पूरे देश में आंदोलन किया जा रहा है। वही गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंदोलन को देखते हुए अब मलिक गठवाला खाप के चौधरियों में भी अपना नाम ऊंचा करने की होड़ उमड़ पड़ी है। जिसके चलते अब मलिक गठवाला खाप के चौधरियों ने आज 11 गांव की एक पंचायत की है। जिसमे 1 मार्च को मलिक गठवाला खाप के 52 गाँव की एक महापंचायत करने का ऐलान किया है। वही एक मार्च को तीन कृषि कानून बिलो पर एक नए आंदोलन का आगाज किया जाएगा। वहीं महापंचायत में मलिक गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह ने बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को अपना भाई बताया है साथ ही उनका स्वागत करने की बात भी कही है। वही हमें संजीव बालियान का बहिष्कार करने का अधिकार नहीं है। नरेश टिकैत उनकी खाप का चौधरी है वही पहले संजीव बालियान का बहिष्कार करे। वही 1 मार्च को होने वाले महापंचायत में अब मलिक गठवाला खाप अपना अलग ही निर्णय लेगी जो बालियान खाप के निर्णय से बिल्कुल अलग होगा। आज की हुई इस पंचायत से तो यही लगता है कि अब मलिक गठवाला खाप ओर बालियान खाप इन दोनों खापो में फूट पड़ गई है। क्योंकि बालियान खाप में भारतीय किसान यूनियन भी शामिल है।

 

आपको बता दें कि जनपद शामली के गांव किवाना में आज मलिक गठवाला खाप के 11 गांव की एक पंचायत हुई है। जिसमें 11 गांव के गठवाला खाप के सैंकड़ो लोग पहुंचे थे। वही यह पंचायत मलिक गठवाला खाप के अध्यक्ष बाबा हरिकिशन की अध्यक्षता में हुई है। वही आज 11 गाँव की पंचायत का निर्णय 11 गांव से प्रत्येक दो – दो व्यक्ति लेकर किया गया। जिसमें 1 मार्च को महापंचायत करने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नही यह महापंचायत तीन कृषि बिलो को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से एक तरह की नाराजगी को देखते हुए भी की जा रही है। क्योकि अब मलिक गठवाला खाप किसान आंदोलन के साथ तो है लेकिन अब यह खाप राकेश टिकैत के साथ नही होगी। क्योंकि बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में मलिक गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह आंदोलन में तो पहुंचे थे लेकिन वह किसी भी राजनीतिक मंच पर नहीं चढ़े थे। वही राकेश टिकैत के खिलाफ यही नाराजगी अब मलिक खाप के नाम से नए आंदोलन का रूप लेने जा रही है। जो किसानों के आंदोलन के साथ तो होगा। लेकिन यह नाम राकेश टिकैत के साथ नहीं होगा। अब मलिक गठवाला खाप को भी अपनी राजनीति चमकाने ओर अपने मलिक खाप के नाम को ऊंचा करने की होड़ उमड़ पड़ी है। जिसके लिए मलिक गठवाला खाप को अब पंचायतों का सहारा लेना पड़ रहा है।

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वही किवाना गाँव की पंचायत में आज यह निर्णय लिया गया है कि जिस तरीके से तीन कृषि बिलों के आंदोलन में दूसरे संगठन आगे बढ़ रहे है ठीक वैसे ही अब मलिक गठवाला खाप 52 गांव की एक महापंचायत करेगी। जिसमें वह एक नए आंदोलन का आगाज करेगी। वही यह आंदोलन तीन कृषि कानून बिलो के विरोध में किया जाएगा। साथ ही आपको यह भी बता दें कि बीजेपी सरकार के मंत्रियों का जनपद शामली के गांव में विरोध होना शुरू हो चुका है। लेकिन फिर भी मलिक गठवाला खाप के बाबा चौधरी राजेंद्र सिंह ने संजीव बालियान को अपना भाई बताया है और उनका स्वागत करने की बात भी कही है। वही हमें संजीव बालियान का बहिष्कार करने का अधिकार नहीं है। नरेश टिकैत उनकी खाप का चौधरी है वही पहले संजीव बालियान का बहिष्कार करे। हालांकि मलिक गठवाला खाप के चौधरी राजेन्द्र सिंह अभी तक तीन कृषि कानून के पक्ष और विरोध में नहीं थे। लेकिन अब मलिक गठवाला खाप के नाम को अलग से पहचान दिलाने के लिए आने वाले 1 मार्च को महापंचायत करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें 52 गांव की यह महापंचायत की जाएगी और इस महापंचायत में केवल मलिक समाज से जुड़े लोग ही शामिल होंगे।

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