मोहन डेलकर की मृत्यु पर लोकसभा में चिंता जतायी गयी
दिल्ली , दादरा नगर हवेली से निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर द्वारा पिछले माह मुंबई के एक होटल में आत्महत्या का मामला आज लोकसभा में उठाया गया और केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासक एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गयी।
सदन में शिवसेना के नेता विनायक राऊत ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि डेलकर 35 वर्षों से लोकप्रिय सांसद रहे। यह दुख एवं पीड़ा की बात है कि उन्होंने मृत्यु पूर्व पत्र में दादरा नगर हवेली के प्रशासनिक अधिकारियों के व्यवहार की शिकायत करते हुए इस कारण से आत्महत्या करने की बात कही है।
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उन्होंने कहा कि डेलकर ने लोकसभा अध्यक्ष एवं संसद की विशेषाधिकार संबंधी समिति में इस मामले को उठाया था। अध्यक्ष ने भी इस मुद्दे को विशेषाधिकार संबंधी समिति में भेजा था लेकिन मान स्वाभिमान के लिए श्री डेलकर जैसे सात बार के सांसद को खुदकुशी करनी पड़ी।
राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने एटीएस बनाकर श्री डेलकर की मृत्यु की जांच शुरू की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि श्री डेलकर के अंतिम पत्र में जिन 12 अधिकारियों के नाम हैं, उन्हें तुरंत निलंबित करके उन पर दफा 304 के तहत कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
जनता दल यूनाइटेड के कौशलेंद्र कुमार ने भी कहा कि डेलकर ने कुंठा और अपमान के कारण अपनी जान दी है। यदि जनप्रतिनिधियों को इस स्थिति का सामना करना पड़े तो आम जनता का क्या होगा। उन्होंने कहा कि इस सदन से एक संदेश जाना चाहिए और उत्पीड़न के जिम्मेदार प्रशासक के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।