इमरान खान के पाक छोड़ने पर लग सकती हैं रोक, HC में कल होगी सुनवाई
पाकिस्तान छोड़ विदेश जाने पर इमरान खान के लग सकती हैं रोक, कल हाईकोर्ट में सुनवाई
लखनऊ: पाकिस्तान पीएम इमरान खान की मुश्किलें कम होने बजाए बढती जा रही हैं. लगातार वह एक न एक मुसीबत में फंसते जा रहे हैं. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाए गए इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. इमरान खान के अब विदेश जाने पर रोक लग सकती हैं. इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करके मांग की गई है कि इमरान खान का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया जाए. इतना ही नहीं पाक पीएम इमरान खान का नाम ही नहीं बल्कि उनकी सरकार के कई और मंत्रियों को भी इस लिस्ट में डालने की गुहार लगाई गई है. इस पर हाईकोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा.
सोमवार को हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
जानकारी के मुताबिक एग्जिट पोल के लिए एक अध्यादेश होता है, जिसके जरिए लोगों के पाकिस्तान छोड़कर जाने पर रोक लगाई जाती है. इसमें इमरान खान को शामिल करने की याचिका मौलवी इकबाल हैदर की ओर से दाखिल किया गया है. इसमें इमरान खान सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी, सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी के अलावा नेशनल असेंबली के पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी व असद मजीद को भी एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने का निर्देश देने की मांग की गई है. कासिम सूरी ने ही डिप्टी स्पीकर रहते हुए इमरान खान के खिलाफ असेंबली में पेश अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए खारिज किया था.
नेशनल असेंबली में वोटिंग से पहले पाकिस्तानी सेना ने आदेश जारी करके सरकार से जुड़े लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी. कई मंत्रियों के पाकिस्तान छोड़कर जाने की आशंका को देखते हुए सभी एयरपोर्ट को हाईअलर्ट भी जारी किया गया था. पाक के अगले संभावित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली में कह चुके हैं कि किसी के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करेंगे. हम किसी के साथ कुछ गलत नहीं करेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा बेकसूर लोगों को जेलभी नहीं भिजवाएंगे, लेकिन कानून अपना काम जरूर करेगा.
इकबाल हैदर ने हाईकोर्ट से लेटर के जांच की मांग
हाईकोर्ट में मौलवी इकबाल हैदर ने हाईकोर्ट से उस लेटर की जांच की मांग भी की है, जिसका हवाला देते हुए इमरान खान ने विदेशी साजिश के आरोप लगाए थे. विपक्ष के नेता फैजल सब्जवारी की तरफ से भी इस लेटर की जांच के लिए स्वतंत्र व उच्चतम आयोग के गठन की मांग की जा चुकी है.