टैटू बनवाने से इन गंभीर बीमारियों का खतरा, लापरवाही से हो सकती है मौत

टैटू का क्रेज पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। कूल और स्टाइलिश दिखने के लिए ज्यादातर युवा टैटू बनवा रहे हैं। टैटू के बढ़ते ट्रेंड के साथ ही इसके साइड इफेक्ट्स भी बढ़ रहे हैं।

टैटू का क्रेज पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। कूल और स्टाइलिश दिखने के लिए ज्यादातर युवा टैटू बनवा रहे हैं। टैटू के बढ़ते ट्रेंड के साथ ही इसके साइड इफेक्ट्स भी बढ़ रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि टैटू में इस्तेमाल होने वाली इंक से इंफेक्शन, एलर्जी, और यहां तक कि कैंसर तक का खतरा हो सकता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। हर साल 17 जुलाई को नेशनल टैटू डे (National Tattoo Day) मनाया जाता है। आइए जानते हैं टैटू बनवाने के संभावित खतरों के बारे में…

टैटू से स्किन, लंग्स, लिवर और किडनी को खतरा

जर्नल एनालिटिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, टैटू की इंक में कई खतरनाक केमिकल्स होते हैं, जिससे स्किन, लंग्स और लिवर में इरिटेशन हो सकती है। इतना ही नहीं, इससे किडनी और नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंच सकता है।

टैटू बनवाने से एड्स का खतरा

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कई बार टैटू में इस्तेमाल होने वाली नीडल सही से स्टरलाइज न होने के कारण ब्लड से फैलने वाली कई खतरनाक बीमारियों का जोखिम रहता है। इससे हेपेटाइटिस-सी, HIV या एड्स, और मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

टैटू से कैंसर का खतरा

मेडिकल न्यूज टूडे के अनुसार, स्वीडन की लिंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि टैटू से कैंसर का खतरा हो सकता है। उन्होंने 2007 से 2017 तक 10 सालों के स्वीडिश नेशनल कैंसर रजिस्टर का एनालिसिस किया, जिसमें 20 से 60 साल की उम्र वाले शामिल थे। इस स्टडी में पाया गया कि टैटू बनवाने वालों में लिंफोमा का खतरा 21 प्रतिशत ज्यादा था। पिछले 2 सालों में टैटू बनवाने वालों में लिंफोमा का खतरा 81 प्रतिशत तक बढ़ गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि टैटू की इंक में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स के कारण लिंफोमा का खतरा बढ़ सकता है।

हालांकि, अभी तक यह केवल एक संभावित कनेक्शन है। इसलिए, टैटू बनवाते समय सही क्वालिटी वाली इंक और स्टरलाइज्ड नीडल का उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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