मुंबई. मुंबई (Mumbai) और दूसरों शहरों के कई इलाकों में इन दिनों अलग-अलग तरीके के साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) को अंजाम दिया जा रहा है. अब तो साइबर क्रिमिनल (Cyber Criminal) को किसी के फोन को हैक भी करने की जरूरत नहीं है, बस वो बाजारों में मिल रहे सॉफ्टवेयर की मदद से आपके फोन के स्क्रीन शेयर करके आपके फोन पर हो रही हर हरकत पर पल-पल की नज़र रख सकते हैं. वे पलक झपते ही आपके बैंक खातों से हजारों रुपए आसानी से उड़ा सकते हैं और आपको इसकी भनक तक नहीं लगती है.
मुंबई में अब साइबर क्रिमिनल का अनोखा खेल हो रहा है. यह ठग केवाईसी के नाम पर लोगों को एक ऐप डाउनलोड करने को कहते हैं. यह एप दरअसल मोबाइल फोन का स्क्रीन शेयर करने वाला ऐप है. जिससे पीड़ित को पता ही नहीं चलता है कि जो चीजें वो अपने फोन पर कर रहा है या देख रहा है, वो सारी चीजें देश-विदेश में बैठा साइबर ठग आसानी से देख रहा है. पीड़ित अपने फोन पर बैंकिंग लॉग इन करता है, पासवर्ड डालता है और ओटीपी भी आता है. इस दौरान इसकी पूरी जानकारी साइबर ठग आसानी से देख सकता है और पीड़ित के बैंक खातों से पैसे उड़ा लेता है.
यह हैंकिंग नहीं है. इस एप से पीड़ित के फोन की स्क्रीन शेयर हो जाती है. दरअसल यह मोबाइल एप ऑफिस या दूसरे कामों के लिए बनाया गया है ताकि जिन लोगों के फोन या लैपटॉप पर कोई दिक्कत आती है तो टेक्निकल स्टाफ स्क्रीन शेयर करके उनकी दिक्कतों को खत्म कर सके. पर आजकल साइबर अपराधी इसका गलत इस्तमाल करके लोगों को ठग रहे हैं.मुंबई के बोरीवली इलाके में रहने वाले 32 साल के बृजेश, इसी ठग के शिकार हो गए. बृजेश को पता ही नहीं चला कि उनके फोन के स्क्रीन किसी और के पास शेयर हो चुकी है और दूर बैठे किसी साइबर ठग ने बृजेश के खातों से हजारों रुपये उड़ा लिए. पीड़ित बृजेश का कहना है कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए एक बैंक के क्रेडिट कार्ड की जानकारी आई. इस पर उन्होंने कॉल किया.
बैंक की जानकारी असली जैसी दिखी. केवाईसी के लिए उन्हें कॉल आया. उन्हें बोला गया कि एक ऐप डाउनलोड करो और कुछ नंबर आएंगे, वो बताओ ताकि हम पैन कार्ड और आधार देख सकें. उन्हें पता नहीं था कि वो नंबर देने के बाद उनकी स्क्रीन को वो शेयर कर लेगा. वो सबकुछ उनसे ही करवा रहा था. फिर एक ओटीपी आया, उसने कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा दी है. इसके बाद जैसे ही बृजेश ने मैसेज चेक किया तो उन्हें पता चला कि उनके 10 हजार रुपए निकाल लिए गए है. उन्होंने तुरंत पुलिस को लिखित शिकायत दी है. पर पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है. मुंबई पुलिस की साइबर सेल में भी इसकी शिकायतें सामने आई हैं.
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