चंबल नदी में बाढ़ का खतरा, खतरे के निशान से बस इतनी दूर जल स्तर, High Alert
आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) जनपद के पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी (Chambal River) में बाढ़ (Flood) का खतरा मंडराने लगा है. पिनाहट में चंबल नदी घाट पर खतरे के निशान से महज 2.5 मीटर दूर है. चंबल में बढ़ते जलस्तर को लेकर डीएम ने निरीक्षण किया. तटवर्ती इलाकों में हाई एलर्ट जारी कर राजस्व कर्मचारियों को सतर्कता के दिशा-निर्देश दिये गए हैं.
दरअसल राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते चंबल नदी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग डरे हैं. तटवर्ती इलाकों से लोग सुरक्षित स्थानों के लिए जाने लगे हैं. लगातार नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि चंबल नदी इस बार 2019 का भी रिकॉर्ड तोड़ सकती है. खतरे की आशंका को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके.
लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर मंगलवार दोपहर तक नदी का जलस्तर पिनाहट घाट पर एक 128.5 मीटर तक पहुंच गया है जो कि खतरे के निशान से महज 2.5 मीटर दूर है. चंबल के बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जिलाधिकारी आगरा प्रभु एन सिंह, बाह एसडीएम, राजस्व कर्मचारियों के साथ नदी के जल स्तर का जायजा लेने पहुंचे. निरीक्षण कर तटवर्ती इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए अलर्ट जारी किया है.
साथ ही बाढ़ चौकियों को लेकर राजस्व कर्मचारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. गांव में निवास करने की एवं जल स्तर पर निगरानी बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं. किसी भी परिस्थिति से तत्काल निपटा जा सके. 2019 में चंबल खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर चली गई थी और रिकॉर्ड तोड़ दिया था. कई गांव पानी की बाढ़ की चपेट में आ गए थे. बाढ़ के पानी से फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. किसानों एवं ग्रामीणों का भारी नुकसान हुआ था.
एक बार फिर से स्थिति बाढ़ की साफ दिखाई दे रही है. अगर चंबल में खतरे का निशान पार करती है तो ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. धीरे-धीरे चंबल नदी अपना रौद्र रूप धारण करने लगी है. सुरक्षा की दृष्टि से स्ट्रीमर संचालन को पूर्ण रूप से बंद करा दिया गया है.
बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव
चंबल नदी में बाढ़ का खतरा मंडराने से तटवर्ती इलाकों में बसे गांव में बाढ़ का पानी पहुंचने की आशंका है. बाढ़ के पानी से बाह, पिनाहट, जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव रेहा, कछियारा, डगोरा, ऊपरी पुरा, उमरैठापुरा, जेबरा, गुर्जा शिवलाल, झरना पुरा, भगवानपुरा, डाल का पुरा, सिमराई, गोहरा, गुढ़ा, भटपुरा, रानीपुरा, आदि गांव प्रभावित हो रहे हैं. इन गांवों के बाशिंदों ने ऊंचे स्थान पर जाना शुरू कर दिया है.