उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस तेज, जानें- BJP की लिस्ट में कौन-कौन से नाम हैं शामिल?

देहरादून. उत्तराखंड की राजनीति (Uttarakhand Politics) में उस वक्त हलचल मच गई, जब सीएम तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. बीते शुक्रवार को तीरथ के इस्तीफे के साथ ही नए मुख्यमंत्री के नाम की भी चर्चा शुरू हो गई. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की रेस में फिलहाल कई नाम शामिल हैं, लेकिन बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अपने चौंकाने वाले फैसलों से कई बार जनता को हैरान कर चुका है. इसलिए कौन उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री बनेगा इस पर कयासबाजी का दौर जारी है.राजनीतिक हलकों में कई लोगों के नाम की चर्चा है. हालांकि बीजेपी संगठन की ओर से अब तक किसी एक नाम या नामों के पैनल की जानकारी नहीं दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी संगठन कुछ नामों की सूची तैयार कर चुका है. इन नामों की जानकारी आलाकमान को भी दे दी गई है. आलाकमना से मुहर के बाद नाम का ऐलान किया जा सकता है. फिलहाल जो नाम इस रेस में शामिल हैं उनके बारे में जानते हैं.

अनिल बलूनी बीजेपी के सबसे पॉपुलर चेहरे हैं. सोशल मीडिया में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग खुलकर उठ रही है. बलूनी बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सासंद हैं. बलूनी का नाम तीरथ सिंह के मुख्यमंत्री बनते वक्त भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल रहा था, लेकिन तब कई राज्यों में जारी चुनावों के कारण उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में भेजने से इंकार कर दिया था, लेकिन एक बार फिर बलूनी इस रेस में शामिल हैं. बलूनी ने राज्यसभा सांसद रहते हुए कई उत्तराखंड के लिए कई अहम विकास योजनाओं की शुरुआत की है. इसलिए उनकी लोकप्रियता का ग्राफ हाई है. बलूनी को पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बेहद खास माना जाता है. अगर सांसदों में से किसी नेता के नाम पर विचार होगा तो बलूनी बाजी मार सकते हैं.

बिशन सिंह चुफाल 
बिशन सिंह चुफाल पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट विधानसभा से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं. साथ ही तीरथ सिंह रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. इससे पहले बिशन सिंह चुफाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पिछली सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं. कुमाऊं से अगर किसी राजपूत नेता के नाम पर विचार हुआ तो चुफाल इस रेस में अपनी वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर सबसे आगे रह सकते हैं। उन्हें अनिल बलूनी का करीबी माना जाता है.

सतपाल महाराज
साल 2014 लोकसभा चुनावों से पहले सतपाल महाराज ​कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. वो वरिष्ठ राजनेता हैं. केंद्र में मंत्री रहे हैं. महाराज राजपूत हैं और गढ़वाल से संबंध रखते हैं. फिलहाल महाराज चौबट्टाखाल विधानसभा से विधायक हैं और त्रिवेंद्र सिंह के बाद तीरथ सिंह रावत सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे हैं. त्रिवेंद्र और तीरथ के मुख्यमंत्री बनने के दौरान भी महाराज मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल रहे हैं. महाराज धर्म गुरु होने के कारण संघ के भी करीब हैं.

धन सिंह रावत
श्रीनगर से विधायक धन सिंह रावत वैसे तो पहली बार के विधायक हैं. त्रिवेंद्र के साथ ही तीरथ सिंह रावत सरकार में भी स्वतंत्र प्रभार के तौर पर राज्यमंत्री रहे हैं, लेकिन वो संघ औऱ बीजेपी के खांटी नेता है. पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन रहे हैं. इसलिए उन्हें संघ की पसंद माना जा रहा है. धन सिंह रावत को त्रिवेंद्र सिंह रावत का करीबी माना जाता है.

पुष्कर सिंह धामी
धामी ऊधम सिंह नगर की खटीमा विधानसभा से विधायक हैं. वो युवा हैं. उनका नाम सीएम पद की रेस में शामिल है. अगर पार्टी किसी युवा राजपूत चेहरे के नाम पर विचार करेगी तो  पुष्कर धामी की लॉट्री खुल सकती है. तीरथ सिंह के मुख्यमंत्री बनने के वक्त भी धामी का नाम रेस में शामिल रहा था. धामी को पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र-गोवा के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का राजनीतिक शिष्य़ माना जाता है.

रितु खंडूरी
यमकेश्वर से पहली बार की विधायक रितु खंडूरी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी हैं. रितु बीजेपी में नई हैं. अगर पार्टी किसी ब्राह्मण और महिला चेहरे पर दांव खेलती है तो रितु की लॉट्री खुल सकती है. उन्हें तीरथ सिंह रावत खेमे का विधायक माना जाता है. हालांकि रितु का कम अनुभव उनके आड़े आ सकता है. रितु वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं.

हरक सिंह रावत
हरक सिंह रावत उत्तराखंड की सियासत में काफी चर्चित चेहरे हैं. पूर्व में कांग्रेस में रहते हुए हरक सिंह रावत मंत्री रहे और फिर बीजेपी में शामिल होने के बाद लगातार मंत्री हैं. हरक सिंह रावत फिलहाल कोटद्वार से विधायक हैं.  हरक काफी अनुभवी राजनेता हैं. इसलिए उनके अनुभव का लाभ बीजेपी को चुनावी साल में मिल सकता है.

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