किसानों के हित में पिछली सरकारें ने नहीं की ठोस फैसला लेने की हिम्मत: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में संसद में पारित कृषि सम्बन्धी विधेयकों का स्वागत किया है।
उन्होंंने गुरुवार को कहा कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने कृषि संबंधी बिल पास किए हैं, जिनकी मांग देश का किसान दशकों से करता रहा है। स्वामीनाथन कमेटी ने भी इस बारे में सिफारिशें की थीं। लेकिन, इसके बावजूद भी पिछली सरकारें घोषणाएं तो करती थीं। लेकिन, किसानों के हित में कोई ठोस और कड़ा फैसला लेने की हिम्मत नहीं करती थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब प्रधानमंत्री के आभारी हैं, जिनके आने के बाद से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं और प्रत्येक क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है। किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा की योजना हो, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई की योजना के सफल क्रियान्वयन के माध्यम से हर खेत तक पानी पहुंचाने का प्रयास हो, प्रधानमंत्री कुसुम योजना के माध्यम से किसानों के बिजली के बिल को समाप्त करने और उसे सोलर पैनल के साथ जोड़ने की कार्यवाही हो। एक लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा हो या प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि के माध्यम से हर एक किसान को सालाना 6,000 की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही हो, यह सभी स्वागत योग्य कदम थे।
उन्होंने कहा कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना अधिक कीमत मिल सके, यह सपना बना हुआ था। प्रधानमंत्री ने 24 जिन्सों के डेढ़ गुना से अधिक दाम देकर देश के किसानों के जीवन में व्यापक खुशहाली लाने का कार्य किया है। संसद से पारित कृषि विधेयकों के माध्यम से प्रधानमंत्री ने किसान हितैषी निर्णय किए हैं, जिनकी किसान कई दशक से मांग कर रहे थे। इन तीनों विधेयकों के माध्यम से किसान अपनी फसल को कहीं भी बेचने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होंगे, “वन नेशन-वन मार्केट” की परिकल्पना को कृषि क्षेत्र में भी लागू करने के लिए यह एक बेहतर पहल है।
किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करने की जो बात प्रधानमंत्री ने की है, यह सभी विधेयक उसको साकार रूप प्रदान करने की कार्यवाही का हिस्सा हैं। इसके लिए हम सब उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रगतिशील किसान, आजादी के बाद से कृषि क्षेत्र में इसी प्रकार के सुधारों की मांग निरंतर कर रहे थे। उन्होंने स्वयं भी कई प्रगतिशील किसानों तथा किसान संगठनों के साथ बातचीत की है। सभी ने मुक्त कंठ से इस बिल का स्वागत किया है और इसे किसान हितैषी बताया है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह सभी विधेयक वास्तव में किसानों के जीवन में उनकी फसल की गारंटी के साथ-साथ उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक दाम दिलाने में सहायक होंगे और कृषि क्षेत्र में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाएंगे।