मानव रचना शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष को मृत दिखाकर किया ये काम
गुरुग्राम: जालसाजों ने फरीदाबाद स्थित मानव रचना शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष डा. प्रशांत भल्ला को मृत दिखा फर्जी दस्तावेज बना करोड़ों की पालिसी का बीमा कंपनी में क्लेम कर दिया। कंपनी की ओर से सत्यापन के लिए बीमा कंपनी की टीम उनके गुरुग्राम के साउथ सिटी-वन स्थित घर पहुंची। टीम के सदस्य ने डा. प्रशांत की पत्नी दीपिका भल्ला से सवाल किए तो जिदा पति की मौत की बात सुन वह अचंभित रह गईं। सर्वेयर सुरेश ने फाइल में लगा मृत्यु प्रमाण पत्र व श्मशान स्थल की पर्ची दिखाई। दीपिका समझ गईं कि फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने तुरंत सेक्टर 29 थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस एफआइआर दर्ज कर जांच कर रही है।
सर्वेयर ने बीमा राशि क्लेम के लिए जमा किए गए सभी दस्तावेज दिखाए। एचडीएफसी की पालम विहार शाखा में दीपिका के नाम से बैंक खाता भी खोला गया है, ताकि क्लेम की राशि उस खाते में डाल निकाली जा सके। खाते में दीपिका के आधार कार्ड का नंबर दिया गया है। जालसाजी करने वाले की ओर से लगाए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में 11 अप्रैल 2021 को मौत दिखाई गई है। दाह संस्कार की श्मशान स्थल की पर्ची भी दी गई है।
जिदा व्यक्ति को मृत दिखा रकम हड़पने इतनी बड़ी साजिश से डा. प्रशांत भल्ला का परिवार आशंकित है। दीपिका ने बीमा कंपनी, बैंक अधिकारियों व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने की मांग की है। पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। यह भी जांच का विषय है कि मृत्यु प्रमाण पत्र प्रशासन की ओर से जारी हुआ या जालसाजी से बनाया गया। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले विभाग से पूरा रिकार्ड तथा श्मशान स्थल से जारी पर्ची की सत्यता जानी जाएगी। यहां बनता है मृत्यु प्रमाण पत्र
नगर निगम क्षेत्र में निजी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों या घरों पर होने वाली मौतों का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम की जन्म-मृत्यु पंजीकरण शाखा द्वारा जारी किया जाता है। निगम के दायरे से बाहर के मृत्यु प्रमाण पत्र जिला नागरिक अस्पताल से जारी होते हैं। 30 दिन से ज्यादा विलंब से पंजीकरण वाले केस में भी जिला नागरिक अस्पताल से ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। नगरपालिकाएं भी अपने स्तर पर ही यह प्रमाण पत्र बनाती हैं।
इस तरह की जालसाजी एक व्यक्ति द्वारा नहीं की गई है। यह साइबर क्राइम करने वाला संगठित गिरोह है। मेरे परिवार के बारे में इस तरह से जानकारी ली गई जिसमें बीमा कंपनी, बैंक का भी कोई कर्मचारी शामिल हो सकता है। ऐसा अन्य किसी परिवार के साथ नहीं हो इसलिए हमारी ओर से पुलिस को शिकायत देकर विस्तृत जांच की मांग की गई है।