जुड़वा भाइयों की सियासत गरम, एक आंगन से भरेंगे अलग-अलग हुंकार
सहारनपुर (Saharanpur) जिले का काजी घराना चर्चा में, जानें पूरा मामला
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) इस बार बहुत रोचक हो चले हैं. खास बात ये है कि इस बार चुनाव में सहारनपुर (Saharanpur) जिले का काजी घराना चर्चा में है. जहां से निकले काजी रशीद मसूद आठ बार सांसद तथा केंद्रीय मंत्री बने. काजी रशीद मसूद को देखकर ही उनके भतीजे इमरान मसूद (Imran Masood) तथा नोमान मसूद (Noman Masood) ने सियासी भविष्य के सपने देखने शुरू किए. इमरान और नोमान जुड़वां भाई हैं, इमरान चंद मिनट बड़े हैं. परिवार भी एक है और घर-आंगन भी, लेकिन वक्त के साथ दोनों की राजनीतिक राह जुदा हो गई हैं. इस बार के सियासी सफर में इमरान सपा से तो नोमान बसपा से चुनावी कमान संभाले हैं.
बता दें कि गंगोह के काजी घराने से काजी राशिद मसूद नगर पालिका के अध्यक्ष रहे. उनके भाई काजी रशीद मसूद आठ बार सांसद रहे. काजी रशीद मसूद के पांच भतीजों में इमरान सबसे बड़े हैं. उनसे छोटे जुड़वां भाई नोमान हैं. इसके अलावा सलमान, अदनान और जीशान हैं. 20 अप्रैल 1969 को जन्मे इमरान तथा नोमान मसूद ने चाचा से सियासी दांव सीखा. इमरान अपने चाचा रशीद मसूद की जगह लेना चाहते थे, जबकि नोमान गंगोह की राजनीति करने के तलबगार थे. अब तक इमरान तथा नोमान की राह एक थी, लेकिन विरासत के उत्तराधिकार को लेकर दोनों के रास्ते बदल गए. इमरान कांग्रेस छोड़कर सपा की राह चल पड़े, जबकि नोमान ने बसपा का दामन थाम लिया है.
इमरान मसूद का राजनीतिक सफर
इमरान ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की. सहारनपुर नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए. कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव तथा दिल्ली प्रभारी बने. इमरान 2007 में मुजफ्फराबाद सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए. 2012 में नकुड़ से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े. 2014 में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ा. 2017 के चुनाव में भाजपा के डा. धर्म सिंह सैनी से नकुड़ विधानसभा सीट हार गए. 2019-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर से चुनाव लड़ा, तीसरे स्थान पर रहे.
नोमान मसूद को 2017 में मिली हार
गंगोह नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए. 2017 में कांग्रेस से गंगोह सीट से विधानसभा चुनाव लड़े, हारे. 2019 में गंगोह से उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर हार गए.