कैमूर : मोहनिया विधानसभा के इस गांव के लोगो ने अंडर पास की मांग को लेकर वोट बहिष्कार का दिया नारा
विधानसभा का चुनाव नजदीक आते ही लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं की मांगों को लेकर लगातार वोट बहिष्कार की आवाज बुलंद कर रहे हैं। कैमूर जिले में अब तक आधा दर्जन गांव में वोट बहिष्कार के बैनर पोस्टर टांग दिए गए हैं। कुछ गांव में तो नेताओं की नो एंट्री का बोर्ड भी लगा दिया गया है।
मोहनिया विधानसभा क्षेत्र के भीटी गांव जहां रेलवे के अंडर पास पुलिया को लेकर ग्रामीणों ने अपनी आवाज आज बुलंद किया। ग्रामीण अपना काम नहीं होता देख अब वोट बहिष्कार का नारा दे रहे हैं। ग्रामीणों को ऐसा लग रहा है कि अब चुनाव नजदीक आ रहा है तो हमारी मांगों को सरकार सुनेगी और पिछले कई सालों से अंडरपास की मांग अब पूरा हो जाएगा।
ग्रामीण बताते हैं हम लोग के भीटी गांव में साढे तीन से चार हजार वोटर हैं। बाबू जगजीवन राम के जमाने से हमारे पूर्वज अंडर पास पुलिया की मांग करते रहे हैं और अब हम लोग भी उसी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। क्योंकि इस रास्ते हम लोगों के गांव से जीटी रोड महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है नहीं तो 8 किलोमीटर हम लोगों को घूम कर आना पड़ता है। अंडर पास पुलिया नहीं होने से रेलवे ट्रैक पार करने में प्रति साल आधा दर्जन लोग और मवेशियों की मौत हो जाती है। आज से तिन साल पहले जब फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण हो रहा था उस समय भी हम लोगों ने उस निर्माण कार्य को रोका था । उस समय हम लोग को आश्वासन भी मिला था। हम लोग के काफी प्रयास के बाद प्रधान सचिव से पत्र भी जिलाधिकारी को आया था। जिलाधिकारी ने जांच भी कराया था लेकिन अभी भी वह कागज फाइलों में ही दब कर रह गई है । हमारी मांग यहां के स्थानीय नेताओं से नहीं है बल्कि सरकार से है। थोड़ी स्थानीय नेताओं से नाराजगी जरूर है कि हमारी आवाज को उनके द्वारा ऊपर नहीं पहुंचाया गया। इसलिए चुनाव नजदीक आ रहा है तो विश्वास है कि हम लोग जो मांग कर रहे हैं सरकार जरूर पूरा करेगी । अगर मांग नहीं माना जाएगा तो पूरा गांव एक स्वर में वोट बहिष्कार करेगा।
वहीं स्थानीय विधायक निरंजन राम बताते हैं उनकी मांगे जायज है । लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तब से उन लोगों द्वारा मांगा जा रहा है। मैंने भी लेटर लिखकर सांसद महोदय को इस मांग को जायज ठहराते हुए अनुशंसा करवाने का गुहार लगाया था। क्योंकि वह सेंट्रल का चीज है सांसद महोदय पार्लियामेंट में बैठते हैं। वह स्वीकृत योजना हो गया है। मुझे कोरोना हो गया जिस कारण से मैं उस पर फिर ध्यान नहीं दे पाया। लेकिन मुझे उम्मीद है कि योजना स्वीकृत है ।
अजीत कुमार गुप्ता, कैमूर