अगले कुछ घंटे किसान संगठनों के लिए हैं काफी अहम, गृह मंत्रालय लेने जा रहा है बड़ा एक्शन
नई दिल्ली. अगर गृह मंत्रालय (MHA) की सूत्रों की मानें तो लाल किले (Red Fort) सहित दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रव की घटना को लेकर गृह मंत्रालय बेहद गंभीर है. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सहित सभी पड़ोसी राज्यों की पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं. इस बीच दिल्ली में 26 जनवरी को हुए बवाल की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी. क्राइम ब्रांच इस मामले में आज शाम तक एक एसआईटी (SIT) गठित करने वाली है, जो इस पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी. इसके साथ ही गृह मंत्रालय की सूत्रों की मानें तो आज शाम तक किसान संगठनों (Farmers Organizations) को दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के सभी धरनास्थलों को खाली कराने के भी निर्देश जारी किए जाएंगे. अगर इसके बाद भी किसान संगठन नहीं मानें तो सख्त एक्शन से इनकार नहीं किया जा सकता.
हिंसाग्रस्त इलाकों के साथ-साथ कुछ और इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती
बता दें कल की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने जो गृह मंत्रालय को इनपुट दिया है उसके मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का काम हिंसाग्रस्त इलाकों में पूरा किया जा चुका है. कल जिन इलाकों में हिंसा हुई थी वहां फिलहाल हालात काबू में हैं. दिल्ली के कई इलाके में आज शाम तक और भी पैरामिलिट्री फोर्स की तैनात की जाएगी. दिल्ली से सटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सभी इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में विशेष फोर्सेज की तैनाती की जा रही है.
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कल के उपद्रव में दिल्ली पुलिस के 230 जवान और अधिकारी घायल हो गए हैं, जिसमें बाहरी जिले में ही 78 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इस हिंसा के बाद दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में कई एफआईआर दर्ज हो रही हैं. नॉर्थ दिल्ली के बुराड़ी थाने में एफआईआर में दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ने और ट्रैक्टरों के जरिए सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाने समेत कई शिकायतें दर्ज कराने के साथ-साथ दंगे भड़काने, मारपीट, धमकी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
इन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो रहे हैं
वहीं आईटीओ पर हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने आईपी स्टेट थाने में एक एफआईआर दर्ज की है. इस एफआईआर में ट्रेक्टर पर स्टंट करते हुए जान गंवाने वाले शख्स के खिलाफ एफआईआर है. इस जगह पर पुलिस पर ट्रेक्टर चढ़ाने के क्रम में एक शख्स की मौत हो गई थी. इसके अलावा आईटीओ पर हिंसा फैलाने वाले कई अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर हैं. सेंट्रल दिल्ली में फिलहाल अभी तक यही एक एफआईआर दर्ज हुई है.
ये हैं दिल्ली पुलिस के पुराने अनुभव
दिल्ली पुलिस के पूर्व ज्वाइंट सीपी एसबीएस त्यागी कहते हैं, ‘दिल्ली पुलिस ने कल काफी संयम से काम लिया. अगर दिल्ली पुलिस जवाबी कार्रवाई करती तो भीड़ और हिंसक हो सकती थी. कल की घटना पर गृह मंत्रालय को जरूर एक्शन लेनी चाहिए, ऐसा पूर्व के अनुभवों के आधार पर मैं कह सकता हूं. हो सकता है कि घरनास्थलों को लेकर अब दिल्ली पुलिस की रणनीति पहले जैसी न रहे. जहां तक दंगा भड़काने और उपद्रव फैलाने की बात है उसमें दिल्ली पुलिस कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सकती है. सरकारी संपत्ति को नुकसान, ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारी को जान से मारने की कोशिश, राजद्रोह, गैंगेस्टर एक्ट, हत्या के प्रयास, मकोका और रासुका सहित कई और तरह के मुकदमें दर्ज कर सकती है, लेकिन निर्भया केस में भी इसी तरह की घटनाएं दिल्ली में हुई थीं. उस प्रोटेस्ट में दिल्ली पुलिस के एक जवान की मौत भी हो गई थी, लेकिन हमलोगों ने मुकदमा दर्ज इसलिए नहीं किया क्योंकि उसकी मौत हार्टअटैक से हुई थी.’