पंच परमेश्वरों की बैठक संपन्न, जानिए उत्तराधिकार पर क्या बोले कैलाशानंद?
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज खाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत (Mahant Narendra Giri Death) के बाद संत-समाज में काफी सरगर्मी है. आज निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में पंच परमेश्वरों के साथ बैठक की. बैठक के बाद कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि जांच सीबीआई को सौंप दी गई है.
कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी को जो अच्छा लगा उन्होंने किया. योगी जी हमारी परंपराओं का ध्यान रखते हैं, हमारी मठ परंपराओं का भी ध्यान रखते हैं. मुझे लगता है कि इस जांच से अब दूध और पानी अलग-अलग हो जाना चाहिए. महंत नरेंद्र गिरि द्वारा वसीयत लिखे जाने के बारे में उन्होंने कहा है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि महाराज जी कभी कोई पत्र नहीं लिखते थे. उन्होंने जो पत्र लिखा है, उसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, तब बात सामने आएगी. उन्होंने कहा कि हो सकता है महाराज जी ने पत्र लिखा हो लेकिन कभी पत्र नहीं लिखते थे. अब पूरा घटनाक्रम सीबीआई को चला गया है.
महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत को लेकर कहा उन्होंने कहा है कि कोई वसीयत सामने नहीं आई है. श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के निरंजनी अखाड़े से स्वतंत्र होने के सवाल पर कहा कि मठ का कोई विवाद नहीं है. आज से लगभग 15 साल पूर्व महंत यहां पर आये थे और मठ को लेकर कोई विवाद नहीं है और आगे भी कोई विवाद नहीं होगा. महंत नरेंद्र गिरि स्वतंत्र गद्दीपति अधिकारी थे. अगर महाराज के सुसाइड नोट सही होगा. महंत नरेंद्र गिरि की लिखावट सही होगी तो गद्दी को लेकर कोई विवाद नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि अगर वसीयत सही है, बलवीर गिरि को ही गद्दी देने की बात लिखी होगी तो उन्हें ही मिलेगी. उन्होंने कहा है कि बलवीर गिरि भी उनके अखाड़े का उनका शिष्य हैं इसलिए कोई अखाड़े का ही व्यक्ति इस गद्दी पर बैठेगा. उन्होंने कहा है कि उत्तराधिकार को लेकर कोई विवाद नहीं है. आगे भी नहीं होगा. सीबीआई जांच हो रही है. जांच के बाद ही उत्तराधिकार परंपराओं को ध्यान में रखकर आगे का कार्य करेंगे.