कोरोना काल में दफनाए गए शवों को गंगा नदी की कटान से बचाने को मेयर करा रहीं अंतिम संस्कार
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में बारिश के मौसम में गंगा नदी (Ganga River) का जल स्तर बढ़ने से गंगा घाटों पर कटान का सिलसिला लगातार जारी है. इसके चलते कोरोना काल में बड़ी संख्या में फाफामऊ घाट पर रेत में दफनाये गए शव (Deadbodies) भी कटान की जद में आकर गंगा नदी में समाहित हो रहे हैं. इन शवों के गंगा में प्रवाहित होने से प्रदूषण न हो इसके लिए नगर निगम की ओर से कटान में कब्र से बाहर निकल आ रहे शवों का हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार भी कराया जा रहा है.
शासन के निर्देश और नगर निगम प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी की पहल पर बाढ़ की कटान में कब्र से बाहर निकल आये रेत में दफनाये गए 25 शवों का अब तक अंतिम संस्कार कराया जा चुका है. मेयर अभिलाषा गुप्ता ने गुरुवार को खुद एसडीआरएफ की बोट से पहले फाफामऊ घाट का निरीक्षण किया. उसके बाद कटान की जद में आकर रेत से बाहर निकले एक शव का उन्होंने अपनी मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया.
मेयर ने खुद चिता पर रामनामी अर्पित की और शव पर चंदन की लकड़ी, देशी घी, कपूर और धूप चढ़ाकर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुखाग्नि दी. मेयर ने कहा कि रेत में दफनाये गए शवों के गंगा में प्रवाहित होने से प्रदूषण हो सकता है इसलिये ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि इन शवों का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान और रीति रिवाज के साथ किया जाये.
उन्होंने कहा कि निगरानी समिति के अध्यक्ष के नाते भी उनकी जिम्मेदारी शवों के अंतिम संस्कार को लेकर कहीं ज्यादा है. मेयर ने समाज के दूसरे लोगों और संस्थाओं से भी अपील की है कि वे लोग इस नेक काम आगे आयें और शवों के अंतिम संस्कार के काम में योगदान करें.