फिल्म पठान पर नहीं लगा बैन, तो गुस्साए क्षत्रिय
पठान जैसी फिल्म में फिल्माए गये अश्लील दृश्य और उनके पीछे सोची समझी मानसिकता सामाजिक माहौल बिगाड़ने की साजिश है, जिसका क्षत्रिय महासभा विरोध करती है।
हरिद्वार। समाज व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है। व्यक्ति अथवा संगठन विषेश की भावनाओं के अनुसार किसी समाज को नहीं चलाया जा सकता है। कुछ असमाजिक तत्व सामाजिक माहौल बिगाडने तथा अपने व्यक्तिगत हित साधने का काम करते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करके सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पठान जैसी फिल्म में फिल्माए गये अश्लील दृश्य और उनके पीछे सोची समझी मानसिकता सामाजिक माहौल बिगाड़ने की साजिश है, जिसका क्षत्रिय महासभा विरोध करती है। युवाओं को पथभ्रमित कर संस्कार एवं नैतिक चरित्र निर्माण के प्रयासों पर चोट करने की एक सोची समझी राजनीति है, जिसका पर्दाफाश होना जरूरी है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की प्रदेश कार्यकारिणी ने समाज में ऐसी घटनाओं पर चल रहे संघर्षों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
राजपूत धर्मशाला कनखल प्रान्तीय कार्यालय के महाराणा प्रताप सभागार में क्षत्रिय बन्धुओं ने बैठक कर ऐसी घटनाओं पर रोक न लगाए जाने पर रोष प्रकट किया गया तथा अपना विरोध जाहिर किया। प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर यशपाल सिंह राणा ने कह कि क्षत्रिय महासभा महापुरुष तथा सनातन वैदिक परम्पराओं के विपरीत आचरण एवं फिल्मांकन पर अपना रोष प्रकट करती है। प्रदेश महामंत्री डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि पठान जैसी फिल्म के चित्रण से सेंसर बोर्ड की कार्य प्रणाली भी संदेह के घेरे में आती है। डॉ. चौहान ने कहा कि राज्य सरकार तथा प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर रोक लगाकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिये। अन्यथा क्षत्रिय महासभा को आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बैठक की अध्यक्षता कर शिक्षाविद लोकेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार और राजनैतिक पार्टियां क्षत्रिय बन्धुओं की शक्ति एवं संगठन का सामान्य आंकलन कर रही है।