देश पर उठे सवालों का जवाब 100 करोड़ के आंकड़े ने दिया- पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली. कोविड-19 के खिलाफ 100 करोड़ डोज का आंकड़ा छूने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन दे रहे हैं. उन्होंने इसे ‘बेंचमार्क’ करार दिया है. पीएम ने इस उपलब्धि का श्रेय देश की जनता को दिया है. भारत ने ‘टीकाकरण शतक’ की उपलब्धि गुरुवार सुबह हासिल कर ली थी. इस मौके पर देश और दुनिया के कई नेता राजनेताओं ने बधाई दी थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी देश को शुभकमनाएं दी थी.गुरुवार को पीएम ने भी वैक्सीन निर्माताओं, स्वास्थ्य कर्मियों और टीकाकरण अभियान में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार जताया था. 100 करोड़ डोज की उपलब्धि की खुशी में पीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल की तस्वीर भी बदल दी है.
यह एक बेंचमार्क है पीएम मोदी ने 10 बजे संबोधन की शुरुआत में देश को बधाई देने से की. उन्होंने कहा, ‘कल भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन का रिकॉर्ड बनाया. हमने इस उपलब्धि को हमारे देश के लोगों के कारण हासिल किया है. मैं सभी का धन्यवाद देना चाहता हूं. भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की तुलना अन्य देशों से की जा रही थी. यह एक बेंचमार्क है.’
100 करोड़ ने दिए सारे जवाब पीएम ने कहा, ‘अन्य देशों के लिए वैक्सीन रिसर्च और विकास नया नहीं है. आमतौर परभार अन्य देशों से वैक्सीन आयात करता है. शुरुआत में सवाल उठने लगे थे कि क्या भारत इस महामारी को झेल पाएगा? क्या कोई टीकाकरण होगा? क्या पर्याप्त धन होगा? लेकिन इस 100 करोड़ के आंकड़े ने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं. अब भारत को सुरक्षित जगह समझा जाएगा.’
VIP कल्चर का अंत पीएम ने टीकाकरण अभियान को लेकर कहा कि वैक्सीन में भेदभाव मुमकिन नहीं था. उन्होंने कहा, ‘गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता! ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो.’
मुफ्त में सुरक्षा 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण में सरकारी केंद्रों पर नागरिकों को वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही थी. इस पर पीेम मोदी ने कहा, ‘भारत ने अपने नागरिकों को 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई है और वो भी बिना पैसा लिए. 100 करोड़ वैक्सीन डोज का एक प्रभाव ये भी होगा कि अब दुनिया भारत को कोरोना से ज्यादा सुरक्षित मानेगी.’
वोकल फॉर लोकल पर चर्चा देश को दिए संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल की बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए. और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा. भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, वोकल फॉर लोकल होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा.’
हर क्षेत्र में आया वैक्सीन का प्रभाव पीएम मोदी ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने इकोनॉमी में बड़ा योगदान दिया है. पीएम ने कहा, ‘कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले रखा. आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है. किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं. वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं.’
विज्ञान का सहारा शुक्रवार को पीएम ने देश को हताया कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है. हम सभी के लिए गर्व करने की बात है.
कोविन की तारीफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत में व्यक्ति को कोविन प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था. पीएम ने प्लेटफॉर्म की तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश ने कॉविन प्लेटफॉर्म की जो व्यवस्था बनाई है, वो भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है. भारत में बने कॉविन प्लेटफॉर्म ने न केवल आम लोगों को सहुलियत दी, बल्कि मेडिकल स्टाफ के काम को भी आसान बनाया है.’
दिया जलाना, थाली बजाना पीएम ने कहा, ‘हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया. देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा.’
त्यौहारों पर सावधानी की अपील जानकार पहले ही त्यौहारों पर कोरोना को लेकर सावधान रहने की सलाह दे चुके हैं. पीएम मोदी ने भी देशवासियों से सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा से पूरी गारंटी हो तो भी जबतक युद्ध चल रहा है हथियार नहीं डाले जाते. मेरा आग्रह है कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है.’