सुप्रीम कोर्ट में किसानों ने कहा- हमने नहीं जाम की सड़क, जानिए अदालत ने क्या कहा

नई दिल्ली. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के चलते हाईवे जाम करने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जज जस्टिस संजय किशन कौल और जज जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई. इस दौरान किसानों की ओर से कहा गया कि मामले की दो हफ्ते बाद सुनवाई हो.

अदालत में सुनवाई के दौरान किसानों का पक्ष रखते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा ‘ना तो सड़क ब्लॉक है और ना ही किसानों ने बंद की है.’ उन्होंने अदालत से मांग की है कि किसानों को रामलीला मैदान आने दिया जाए. उन्होंने कहा ‘किसानों को रामलीला मैदान जाने से रोक दिया लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने वहां राजनीतिक रैली आयोजित की.’

हम बार-बार कानून तय नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट
इस पर जज जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा ‘सड़कें साफ होनी चाहिए. हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते, आपको आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते.’ उन्होंने कहा ‘अब कुछ समाधान निकालना होगा. मामला विचाराधीन होने पर भी उन्हें विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को जाम नहीं किया जा सकता.’ न्यायमूर्ति ने कहा ‘उन सड़कों पर लोगों को आना जाना पड़ता है. हमें सड़क जाम के मुद्दे से समस्या है.’

उधर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा ‘सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है. कभी-कभी आंदोलन वास्तविक कारण के लिए नहीं बल्कि अन्य कारणों के लिए होते हैं.’ इस पर एडवोकेट दवे ने पूछा – ‘क्या कृषि कानून एक परोक्ष मुद्दा है? ये किसानों की सच्चाई पर सवाल उठा रहे हैं.’ जिस पर मेहता बोले- ‘यहां सिर्फ 2 किसान संगठन आए हैं.’ इस पर जज जस्टिस कौल ने कहा- ‘हम किसी को यहां आने के लिए मजबूर नहीं कर सकते.’

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