जानें 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली के लिए कैसी है किसानों और पुलिस की तैयारी
नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोनल 56 दिन से लगातार जारी है। वहीं सरकार और किसानों के बीच बात न बनने से ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) की तैयारियां भी जोरों पर हैं। किसान रिंग रोड पर शांतिपूर्ण रैली करने की बात पर अड़े हुए हैं। वहीं सुरक्षा कारणों और गणतंत्र दिवस समारोह के चलते दिल्ली पुलिस (Delhi Police) नहीं चाहती कि किसान यहां पर रैली करें। दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि अगर उनको रोकने के लिए बैरिकेडिंग की जाती है तो वो उसे तोड़कर भी आगे बढ़ेंगे और रैली करेंगे। इस विषय में आज भी किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच बात होनी है।
26 जनवरी की परेड के लिए हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ से ट्रैक्टर टीकरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। 26 जनवरी को ये ट्रैक्टर आउटर रिंग रोड पर पहुंचेंगे। परेड के लिए ट्रैक्टरों को तैयार किया जा रहा है। इनको झंडों और पोस्टरों से सजाने का काम जारी है। इतना ही नहीं ट्रैक्टर पर देशभक्ति के गीत बजाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
गृह मंत्रालय ने बनाया एक प्लान
किसानों की ट्रैक्टर वाली पर गृह मंत्रालय ने एक प्लान बनाया है जिसके तहत किसी भी सूरत में ट्रैक्टर पर एक दिल्ली के भीतर नहीं होने दी जाएगी। एक वार्ता बेनतीजा निकलने के बाद आज शुक्रवार को किसान संगठनों के साथ फिर से बैठक होनी है। गृह मंत्रालय ने अपने विभाग से एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति भी सिलसिले में की है।
सेना ने कहा रैली की अनुमति न दें मंत्रालय
इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस को कहा है कि वह लगातार किसान संगठनों से बातचीत कर इसका हल निकाले। गुरुवार को विफल हुई वार्ता के बाद अब शुक्रवार को दिल्ली हरियाणा और यूपी पुलिस के साथ गृह मंत्रालय के अधिकारी किसानों से बात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक सेना ने गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के बीच प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के संबंध में मंत्रालय को बताया कि वह किसी भी सूरत में इसकी अनुमति न दें।
टीकरी बॉर्डर पर रात्री गश्त
टिकरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन बुलंद हौसलों के साथ जारी है। गुरुवार को 11 महिला किसानों ने 24 घंटे की भूख हड़ताल रखी। आंदोलन स्थल पर रात को बढ़ती चोरी की वारदात तथा असामाजिक तत्वों के जमघट लगने के कारण युवा किसानों ने सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रात्रि गश्त शुरू कर दी है।
रात 10 से 12 युवकों की टीम लाठी-डंडे लेकर जिप्सी से गश्त पर निकल पड़ती है। कीर्ति किसान यूनियन के सदस्य साहिल ने बताया कि रात 10:30 बजे से तड़के 3:00 बजे तक युवक गश्त करते रहते हैं। तड़के किसान जागने लगते हैं तब रात्रि पेट्रोलिंग टीम गश्त समाप्त करती है।