मृतक किसानों के परिजनों को मिलेगा 45-45 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी
लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में मारे गए चार किसानों के परिजनों को 45-45 रुपए आर्थिक मदद दी जाएगी. साथ ही मृतक परिवारों के एक सदस्य नौकरी और मामले की आठ दिन के भीतर जांच कर आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी. सोमवार सुबह से दो राउंड की बैठक के बाद प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बन गई है. जिसके बाद किसानों ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की बात कही.
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बिमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. किसानों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा पूरे मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी.
नेताओं को लखीमपुर खीरी में एंट्री नहीं
प्रशांत कुमार ने कहा कि जिले में धारा 144 की वजह से किसी भी नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के सदस्यों और किसान नेताओं के आने जाने पर कोई रोक नहीं है.
गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कही ये बात
उधर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस की और पूरी घटना को एक साजिश बताया. उन्होंने कहा कि यह बात सामने आ रही है कि एक व्यक्ति जो मरा है वह बहराइच के नानपारा का रहने वाला है, जो कि समाजवादी पार्टी के रूद्रपुर यूनिट का जिलाध्यक्ष है. इस घटना में ऐसे कई लोग शामिल हैं. मामले में एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी और तलवारों से हमला किया गया. वीडियो में हमलावर कार्यकर्ताओं को यह भी कहते दिख रहें है कि वे मेरा नाम लें कि मैंने ही किसानों को कुचलने के लिए कहा था. मेरे बेटे के खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार है. अगर वह मौके पर होता तो उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई होती.