संगठन को मुस्तैद करने की कवायद तेज, भाजपा कार्यालयों से हटेगा महामंत्रियों का डेरा!
नई दिल्ली. संगठन को मजबूत करने में लगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यालय व्यवस्था में भी बड़े बदलाव कर सकती है. कहा जा रहा है कि पार्टी कार्यालयों में रहने वाले महामंत्रियों (Mahamantri) के ठिकानों पर गाज गिर सकती है. खबर है कि प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री के अलग-अलग प्रभाव को बरकरार रखने और पार्टी संचालन को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए पार्टी नेतृत्व की तरफ से यह फैसला लिया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी के संभावित नए फैसले का बड़ा कारण कार्यालय से संबंधित गतिविधियों में रफ्तार लाना है. साथ ही पार्टी चाहती है कि दफ्तर की जगह का इस्तेमाल संबंधित कामों के लिए ही हो. रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी को यह शिकायतें मिली थी कि संगठन महामंत्रियों का प्रभाव प्रदेश अध्यक्षों से ज्यादा बढ़ रहा है. माना जा रहा था कि इसका बड़ा कारण उनका कार्यालय में रहना भी है. ऐसे में पार्टी ने हालात बदलने का फैसला लिया है.
भाजपा के कई प्रदेश कार्यालय अभी भी संगठन महामंत्रियों का ठिकाना बना हुआ है. साथ ही इन जगहों का इस्तेमाल कार्यकर्ता भी कर सकते हैं. हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही पार्टी की स्थिति के चलते पार्टी पदाधिकारियों का कार्यालय में रहना जरूरी नहीं है. इसके बाद भी कई दफ्तरों में संगठन मंत्री डटे हुए हैं. इसके अलावा पार्टी ने सदस्यों को मुस्तैद करना भी शुरू कर दिया है.
नड्डा ने की थी युवाओं की तारीफ
अक्टूर की शुरुआत में भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी. भाषा के अनुसार, नड्डा ने युवाओं को परिवर्तन का वाहक बताया और कोविड-19 के दौरान पार्टी की इस युवा इकाई की ओर से किए गए कार्यों की सराहना की. भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित किया था.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष ने युवा कार्यकर्ताओं को संगठन के लिए काम करने के लिए कहा और कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता लिए विचारधारा में विश्वास करना बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘हम सब विचारधारा के पथ पर सहयात्री हैं. जब हम विचारधारा के वाहक हैं तो कोई कारण नहीं है कि हमारे संगठन की विचारधारा पीछे जाए.’ संतोष ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अन्य राजनीतिक संगठनों के विपरीत युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं में देश प्रेम व देश के विकास के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो.