कुंडा के दबंग नेता गुलसन ने बढ़ाई राजा भैया की चिंता, जानिए क्या है मामला
समाजवादी पार्टी के गुलसन कुमार आए सामने, राजा भैया की बढ़ी मुश्किले
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कुंडा विधानसभा की सीट काफी चर्चित मानी जाती है। 1993 में पहली बार कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पहली बार विधयाक बने।लेकिन इस बार 2022 मे उन्हें बड़ी चुनावती का सामान करना होगा इस बार प्रतिद्वंदी भी बाहुबली के रूप में समाने है। राजा भैया के लिए इस बार बड़ी चुनावती के रूप में समाजवादी पार्टी के गुलसन कुमार सामने है। एक जमाने मे राजनैतिक दौर में राजा भैया गुलसन कुमार के बेहद नजदीक हुआ करते थे। लेकिन राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते 2 दोस्त अब अलग हो चुके है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के ठीक बाद समाजवादी पार्टी से राजा भैया के रिश्ते बिगड़ने लगे वही प्रतापगढ़ की सियासत भी काफी तेजी से बदल रही है। राजा भैया के कुंडा विधानसभा बाबागंज क्षेत्र में बाहुबली गुलशन कुमार का काफी हस्ताक्षेप है ऐसे में कुंडा विधानसभा क्षेत्र में गुलशन कुमार का दबदबा लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है कुंडा विधानसभा से लगातार राजा भैया चुनाव जीतते आ रहे हैं ।राजा भैया के सामने चुनाव में खडे होने की हिम्मत अभी तक किसी ने नहीं की है। इसी वजह से हर बार लगातार कई रिकार्ड वोटों से चुनाव जीतते रहे।
चलिये जानते है आखिर क्या वजह है कि दो दोस्त अलग हो गए ?
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजाभैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठन कर लिया। इस बीच चुनाव को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व राजाभैया के बीच दूरी बन गई। लोकसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभा में राजाभैया के खिलाफ बयानबाजी की थी। लोकसभा चुनाव के बाद सपा नेतृत्व की निगाहें एक बार फिर कुंडा व बाबागंज पर गड़ गईं।
सपा अध्यक्ष ने कुंडा नगर पंचायत की चेयरमैन के छविनाथ यादव को जिले की कमान सौंपते हुए दोनों विधानसभाओं में बूथ कमेटी के गठन का निर्देश दिया। बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए करीब एक साल से छविनाथ यादव लगातार प्रयास कर रहे हैं। हालांकि मौजूदा समय में सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव जेल में हैं, मगर उनके भाई कुुंडा के पूर्व चेयरमैन गुलशन यादव क्षेत्र में सक्रिय हैं। कुंडा में राजाभैया व बाबागंज विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे राजा भैया को टक्कर देने के लिए गुलसन रणनीति के तहत काम कर रहे है। अब सपा की रणनीति कितनी कारगर हो सकेगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।