माटीकला बोर्ड के चेयरमैन का फरमान, माटी कला से जुड़े कामगारों को पटा नहीं तो जिले में अधिकारी नहीं
माटीकला बोर्ड के चेयरमैन का फरमान, माटी कला से जुड़े कामगारों को पटा नहीं तो जिले में अधिकारी नहीं
माटीकला बोर्ड के चेयरमैन का फरमान, माटी कला से जुड़े कामगारों को पटा नहीं तो जिले में अधिकारी नहीं
उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में पहुंचे माटीकला बोर्ड के चेयरमैन ने एक फरमान जारी किया है जिसने अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। माटीकला बोर्ड के चेयरमैन आज माटी कला से जुड़े कामगारों को आवंटित पट्टों की की समीक्षा बैठक लेने के लिए जनपद शामली पहुंचे थे जहां पर उन्होंने एक फरमान जारी कर दिया जिसमें उन्होंने कहा कि अगर माटी कला से जुड़े कामगारों को मिट्टी के लिए जमीनों का पट्टा नहीं तो जिले में अधिकारी भी नहीं।
आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली का है जहां पर आज माटीकला बोर्ड के चेयरमैन श्री ओमप्रकाश गोला प्रजापति जी शामली पहुंचे थे जहां पर उन्होंने कलेक्ट्रेट के सभागार में स्थित माटीकला से जुड़े कामगारों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य माटीकला से जुड़े कामगारों को मिट्टी के लिए आवंटित किए गए पट्टों की समीक्षा करना था जिसमें जब चेयरमैन ने जनपद के अधिकारियों से माटीकला से जुड़े कामगारों को कितने पट्टे आवंटित किए गए हैं इस सब के बारे में जानकारी लेनी शुरू की तो अधिकारियों के होश उड़ गए और जानकारी में पता चला कि एक या दो लोगों को छोड़कर किसी को भी मिट्टी के लिए पट्टे आवंटित नहीं किए गए हैं और माटी कला से जुड़े कामगार इधर उधर से मिट्टी लाकर अपना काम कर रहे हैं और मिट्टी के बर्तन बना रहे हैं इतना ही नहीं समीक्षा बैठक के दौरान जब माटी कला बोर्ड के चेयरमैन ने अधिकारियों से पूछा कि गांव में माटीकला रोजगार से जुड़े लोगों की कितनी समितियां बनाई गई है तो जिले के अधिकारी बगले झांकते हुए नजर आए। जब चेयरमैन को अधिकारियों से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने माटी कला से जुड़े कामगारों के सामने ही जिले के अधिकारियो को एक फरमान सुना डाला जिसमें उन्होंने कहा कि अगर कोई भी अधिकारी आप लोगों की नहीं सुनता है तो आप सीधे मुझसे संपर्क करिए और अधिकारियों को भी चेतावनी देते हुए फरमान सुना डाला कि एक बात जान लीजिए अगर माटी कला से जुड़े लोगों को मिट्टी के लिए पट्टे नहीं दिए गए तो आपको भी जिले में नहीं रहने दिया जाएगा।